जशपुर/कोतबा,05 जनवरी 2024
कोतबा 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा परम पूज्य गुरुदेव के जीवन दर्शन से जुड़ी विराट प्रदर्शनी लगाई गई है।जो श्रद्धालुओं के प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यज्ञशाला के ठीक सामने गुरुसत्ता के प्रतीक स्वरुप सजल श्रद्धा प्रखर प्रज्ञा आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।आज सायं दीप महायज्ञ के माध्यम से कोतबा नगरी ज्ञान के प्रकाश से आलोकित होगी।
प्रदर्शनी समेत,साज सज्जा,दीवारों में सद्वाक्य लेखन का कार्य गायत्री परिजनों द्वारा किया जा रहा है।जिसमें मध्यप्रदेश से आए गायत्री परिजन मेवालाल जी के साथ रामकुमार थवाईत की टीम सतत कार्यक्रम स्थल की भव्यता बढ़ाने के कार्य में लगी हुई है।3 जनवरी से प्रारंभ हुए यज्ञीय आयोजन में जशपुर, रायगढ़,पत्थलगांव,बगीचा,तपकरा,कांसाबेल, कुनकुरी, दुलदुला समेत उड़ीसा के साथ अन्य राज्यों से गायत्री परिजन पहुंचे हुए हैं।
उक्त बड़े यज्ञीय आयोजन में अनोखी प्रतिभा देखने को मिल रही है। जहां पूरे समर्पण के साथ स्वयंसेवी परिजन श्रमदान, समयदान करते हुए सतत यज्ञीय कार्य में लगे हुए हैं।कार्यक्रम स्थल को स्वर्ग जैसा सुंदर और पवित्र बनाने में गायत्री परिजनों ने पूर्ण समर्पण के साथ कार्य किया है।
युवा प्रकोष्ठ के सुपर 100 सजल श्रद्धा युवा मंडल के सैकड़ों युवक सुरक्षा ड्यूटी में तैनात हैं।जिनके द्वारा मंच,यज्ञशाला,प्रदर्शनी,भोजनालय,पार्किंग समेत समूचे कार्यक्रम स्थल की चौबीस घंटे सुरक्षा की जा रही है।108 यज्ञकुण्डों में लगभग 80 उपाचार्य माताएं बहनें सतत कार्यरत हैं जो यज्ञ हवन की शुरुआत से लेकर पूर्णाहुति तक यज्ञशाला की समुचित व्यवस्था देख रही हैं।यज्ञशाला में सप्त ऋषियों की स्थापना के साथ वेदमाता गायत्री, महाकाल समेत सर्वतोभद्र स्थापित किए गए हैं।
क्षेत्र से आए परिजनों की टीम माता अन्नपूर्णा भोजनालय में सतत कार्य कर रही है।सभी आगंतुकों के लिए माता अन्नपूर्णा भोजनालय में भोजन प्रसाद की व्यवस्था यज्ञ समिति द्वारा की गई है।इसके अलावा आगंतुकों के लिए आवास की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
कोतबा नगरवासियों का उक्त यज्ञीय कार्यक्रम में भरपूर सहयोग मिल रहा है।शांतिकुंज हरिद्वार का नजारा कोतबा में आयोजित गायत्री महायज्ञ में देखने को मिल रहा है।गायत्री परिवार के अनुशासित,संगीतमय,वैदिक कार्यक्रम से हर कोई प्रभावित होकर इसकी सराहना कर रहे हैं।
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