जशपुर,टीम पत्रवार्ता,07 दिसम्बर 2024
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ट्वीट ने सनसनी फैला दी है।गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस पर निशाना साधा गया है।जिले के पुलिस कप्तान शशिमोहन सिंह ने प्राथमिक जांच में सारे आरोपों की सच्चाई बयां करते हुए इसे निराधार बताया है।हालांकि प्रदेश स्तर पर यह मामला सामने आया है तो इस मामले की विधिवत जांच की बात उन्होंने कही है।
दरअसल जिले के बगीचा थाना क्षेत्र अंतर्गत पंडरापाठ चौकी में पिछले 2 दिसंबर को एक कोरवा जनजाति का युवक अपनी पत्नी से हुए अनाचार की रिपोर्ट लिखाने के लिए चौकी पहुंचा था।आरोप है कि यहां पदस्थ चौकी प्रभारी ने रिपोर्ट लिखने और मेडिकल कराने के एवज में रिश्वत के साथ मुर्गे की मांग की।जिसकी शिकायत प्रार्थी ने जिले के एसपी से की है।
मामले में पीड़ित के पति का वीडियो बयान सामने आया है जिसमें वह बता रहा है कि डाक्टरी मुलाहिजा के बाद रिपोर्ट होगा। दो दिन बाद बगीचा से लौटने के बाद प्रभारी के द्वारा उससे मुर्गा के साथ पांच हजार मांगा गया जिसमें उसने कहा कि खाने पीने के लिए पैसा नहीं है तो कहां से दूंगा फिर पांच सौ दिया।बगीचा गए थे पहले दिन मेडिकल के लिए तब पांच सौ दिए थे फिर वापस आए तो पांच सौ और मुर्गा दिया।
दरअसल इस मामले में पुलिस की जो बड़ी चूक हुई वह यह कि जिस दिन पीड़िता को लेकर जशपुर जाना था उस दिन पुलिस की गाड़ी किसी दूसरे आरोपी को लेकर गई हुई थी।प्रभारी द्वारा बस से भेजे जाने की बात पर पीड़िता के पति ने कहा कि अधिक लोग हैं खुद से गाड़ी करके जाएंगे।जिसपर वे खुद गाड़ी करके जशपुर गए।न्यायालय में पहले दिन 164 का कथन नहीं हो पाया तो दूसरे दिन भी पीड़िता व उनके परिवार के लोग पुनः गाड़ी बुक करके जशपुर गए।अब इन सबमें गाड़ी का किराया लगभग 7000 रुपए उन्हें लग गया।जमीन बंधक रखकर उक्त पैसे दिए जाने की बात पीड़िता के पति ने अपने आवेदन में लिखी है।
मामले में पंडरा पाठ चौकी प्रभारी एमआर साहनी ने कहा कि चौकी में शून्य में अपराध पंजीबद्ध करके बगीचा थाने से नंबरी होता है।पीड़िता का मेडिकल बगीचा में होना था जिसके कारण उन्हें बगीचा ले जाया गया।मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।पीड़ित परिवार का कहना था कि आरोपी से तीस हजार लेके कम धारा लगाया गया है इसका खंडन करते हुए उन्होंने बताया कि पहले अनाचार के मामले में 376 का अपराध पंजीबद्ध होता था जो अब नए अधिनियम बीएनएस में धारा 64 हो गया है।इसको देखकर पीड़िता के परिवार वाले असंतुष्ट थे।
जिले के पुलिस कप्तान शशि मोहन सिंह ने मामले को पूर्वाग्रह से ग्रसित बताया और कहा कि यहां पुलिस की छवि खराब करने की साजिश की जा रही है। महिला प्रताड़ना के मामले में पुलिस द्वारा पूरी गंभीरता के साथ मामले में कार्यवाही की गई है।
उन्होंने बताया कि 2 दिसंबर की रात घटना हुई है। 3 दिसंबर को सुबह 8- 9 बजे पीड़ित परिवार चौकी पहुंचे।उन्हें तत्काल बगीचा लाया गया और दोपहर 3 बजे उसी दिन एफआईआर दर्ज किया गया।आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करके 4 दिसंबर को उसे जेल भेज दिया गया।
बहरहाल जशपुर एसपी लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं जिसकी वे जांच करा रहे हैं।
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