... ख़बर पत्रवार्ता:कला का जुनून ऐसा कि ग्रामीण ने छत्तीसगढ़ के नक्शे पर उकेरा प्रभु श्रीराम का वन-गमन पथ,मुख्यमंत्री जी ने निराला जी की निराली प्रतिभा को सराहा, दी ग्यारह हजार की प्रोत्साहन राशि,राज्योत्सव में स्टॉल लगाने का भी मिलेगा मौका।

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ख़बर पत्रवार्ता:कला का जुनून ऐसा कि ग्रामीण ने छत्तीसगढ़ के नक्शे पर उकेरा प्रभु श्रीराम का वन-गमन पथ,मुख्यमंत्री जी ने निराला जी की निराली प्रतिभा को सराहा, दी ग्यारह हजार की प्रोत्साहन राशि,राज्योत्सव में स्टॉल लगाने का भी मिलेगा मौका।

 

 रायपुर, टीम पत्रवार्ता,19 सितम्बर 2024

 आज जनदर्शन में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखने समाज के हर वर्ग के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मुख्यमंत्री साय जी ने बहुत ही आत्मीयता से सभी की बात सुनी। ऐसे ही जब सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्रामीण शिव कुमार निराला जी ने मुख्यमंत्री को अपनी कला-प्रतिभा दिखाई तो उन्हें मुख्यमंत्री की खूब सराहना मिली। मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें ग्यारह हजार की प्रोत्साहन राशि भी दी। 

 मुख्यमंत्री को  निराला जी ने बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के नक्शे पर प्रभु श्रीराम का वन-गमन पथ उकेरा है। बहुत बारीकी से उन्होंने यह नक्शा बनाया है जिसमें प्रभु श्री राम के छत्तीसगढ़ में जहां-जहां चरण चिन्ह पड़े हैं, वे सभी स्थल शामिल हैं। सभी स्थलों के बीच की दूरी और पहुंच मार्ग भी दर्शाया गया है। मुख्यमंत्री साय जी ने  निराला जी की इस निराली प्रतिभा का सम्मान करते हुए उन्हें 11 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक दिया। 

 मुख्यमंत्री साय जी को निराला जी ने बताया कि शुरू से पेंटिंग में रुचि होने के कारण उन्होंने कुछ अलग करने का सोचा। नक्शे के माध्यम से वे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को संजोना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि वे चित्रकला को जुनून के रूप में लेते हैं। डेढ़-दो महीने लगाकर उन्होंने राम वन-गमन पथ का नक्शा बनाया है। कई बार तो वे इस काम मे इतना डूब जाते थे कि खाने-पीने की भी सुध नहीं रहती थी। 


 मुख्यमंत्री साय जी के समक्ष  निराला जी ने राज्योत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन करने की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री ने तुरंत अधिकारियों को निराला जी को आगामी राज्योत्सव में स्टॉल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।  शिव कुमार निराला जी ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी कला का प्रदर्शन कर पाएंगे। मुख्यमंत्री  साय जी ने न सिर्फ उनकी कला को देखा बल्कि प्रोत्साहन राशि भी दी और राज्योत्सव में स्टॉल लगाने का मौका भी। इस बात से उन्हें बेहद खुशी हुई।

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