... पत्रवार्ता जशपुर : छत्तीसगढ़ के स्कूलों में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने को लेकर श्रीमती साय ने कही बड़ी बात,कहा अब बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी मिलेगा,स्कूलों में गुरु पूजन से छत्तीसगढ़ उज्ज्वलता की ओर अग्रसर होगा - श्रीमती कौशल्या साय।

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पत्रवार्ता जशपुर : छत्तीसगढ़ के स्कूलों में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने को लेकर श्रीमती साय ने कही बड़ी बात,कहा अब बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी मिलेगा,स्कूलों में गुरु पूजन से छत्तीसगढ़ उज्ज्वलता की ओर अग्रसर होगा - श्रीमती कौशल्या साय।

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,21 जुलाई 2024

By योगेश थवाईत

प्रदेश के सभी स्कूलों में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए सीएम विष्णुदेव साय की अर्धांगिनी श्रीमती कौशल्या साय ने मुख्यमंत्री समेत पूरे कैबिनेट मंत्री परिषद का आभार जताया है।

श्रीमती साय ने पत्रवार्ता से चर्चा करते हुए बताया कि सीएम विष्णुदेव साय लगातार जनहित में फैसले लेते हुए छत्तीसगढ़ को आगे लेकर जा रहे हैं।छत्तीसगढ़ के नौनिहालों को स्कूल में शिक्षा के साथ संस्कार मिले इसके लिए गुरु के प्रति भाव जागृत करना आवश्यक है।जब तक बच्चे गुरु तत्व को नहीं समझेंगे वे जीवन में केवल छात्र बनकर शिक्षा ग्रहण करेंगे।

शिक्षा के साथ हर छात्र के जीवन में विद्या भी आवश्यक है जो हमें संस्कारित करने का काम करता है।गुरु के वरण से हमारा जीवन उज्जवलता की ओर अग्रसर होता है,गुरु हमेशा सम्मानीय और पूजनीय होते हैं।जब हमारे जीवन में गुरु का समावेश हो जाता है तो हमारा जीवन प्रकाशवान होता जाता है।

श्रीमती साय ने स्कूलों में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाए जाने को लेकर कहा कि हम सनातन संस्कृति के संवाहक है और हमारी पहली जिम्मेदारी बनती है कि अपने नौनिहालों के भविष्य को सुंदर तरीके से शिक्षित व संस्कारित बनाएं।सरकार के एक निर्णय से यदि गुरु को सम्मान मिलता है गुरु का पूजन होता है तो इससे बड़ा सौभाग्य कुछ दूसरा नहीं हो सकता।

सीएम साय की अर्धांगिनी श्रीमती कौशल्या साय ने कहा कि आगामी 22 जुलाई को स्कूलों में पूरे उल्लास और समर्पण भाव से गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाएं इससे जहां बच्चों में संस्कार का बीजारोपण होगा वहीं छत्तीसगढ़ समृध्दि की ओर अग्रसर होगा।श्रीमती साय ने प्रदेशवासियों को गुरु पूर्णिमा पर्व की शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश के सुख समृद्धि की कामना की है।


उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा सभी कलेक्टरों एवं शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को जारी निर्देश के अनुसार विद्यालयों में 22 जुलाई को गुरू पूर्णिमा उत्सव का गरिमामय आयोजन साधु-संतों, गुरूजनों, शिक्षकों, सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं पूर्व छात्राओं सहित गणमान्य लोगों की मौजूदगी में होगा। 

इस दौरान सरस्वती वंदना, गुरूवंदना, दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही गुरूजनों एवं शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा। प्रार्थनासभा के बाद प्रार्थना स्थल पर गुरू पूर्णिमा के महत्व एवं पारंपरिक गुरू शिष्य संस्कृति पर शिक्षकों का व्याख्यान होगा। इस आयोजन के दौरान प्राचीन काल में प्रचलित गुरूकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति पर प्रभाव विषय पर निबंध लेखन तथा शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा गुरू संस्मरण पर संभाषण भी होगा।

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