जशपुर,टीम पत्रवार्ता,05 जुलाई 2023
एक ओर जहां जिले के ऊर्जावान कलेक्टर स्वास्थ्य विभाग को संवारते हुए जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का सतत प्रयास कर रहे हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी इस प्रयास पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं।
जशपुर जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य अमले की बड़ी लापरवाही सामने आई है।आंखों का ईलाज कराने आए मरीज को 24 घंटे तक नेत्र विभाग के वार्ड में बंद कर रखा गया और तो और उस मरीज को खाना तक नहीं मिला।गलती कहाँ हुई चूक कहाँ हुई इसका पता खुद स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ लगा रहे हैं।
जिला अस्पताल में 12 करोड़ के भ्रष्टाचार मामले की आंच अब तक ठंडी नहीं हुई कि स्वास्थ्य अमले की बड़ी लापरवाही ने मरीजों के प्रति स्वास्थ्य अमले की लापरवाही को उजागर कर के रख दिया है।
मामला है जशपुर जिला मुख्यालय का जहां एक मरीज कल शाम आंख का इलाज कराने आया हुआ था।सीएमएचओ कार्यालय परिसर में स्थित नेत्र विभाग में उसने अपनी आंखों की जांच कराई और वह नेत्र विभाग के वार्ड भवन में सो गया।मरीज गहरी नींद में था उसे पता नहीँ चला कि किसी ने उसे बंद कर दिया है।
देर शाम होने के कारण जिम्मेदार कर्मचारी ने ताला लगाया और घर चला गया।सुबह झाड़ू पोंछा करने वाले कर्मचारी ने भी अपना काम निपटाया और ताला बंद करके चला गया।इधरकल रात से भूखे प्यासे नेत्र विभाग में मरीज बंद था।
मामले की भनक जब मीडिया को हुई तो मौके पर जो दृश्य था वह असंवेदनशीलता का दूषित उदाहरण था।चैनल गेट पर ताला लगा था,मरीज भूखे प्यासे 24 घंटों से अंदर बंद था।उसे आस थी कि कोई आए और ताला खुलवाए।
इधर मीडिया अपनी जिम्मेदारी निभा ही रही थी कि सीएमएचओ स्वयं मौके पर पंहुच गए और जिम्मेदारों से सवाल जवाब करने लगे।फोन पर वे समझने का प्रयास कर रहे थे कि आखिर मरीज अंदर गया कैसे।
बहरहाल सीएमएचओ ने मरीज को 24 घंटो बाद बाहर निकलवाया और जिम्मेदारों की जिम्मेदारी अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई।अब देखना होगा कि मरीजों के प्रति ऐसी असंवेदनशीलता को जिला प्रशासन कितनी गंभीरता से लेता है और क्या कार्यवाही करता है।
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