जशपुर,टीम पत्रवार्ता,20 जून 2023
By योगेश थवाईत
जशपुर के बालाछापर में धर्मांतरण व नन के साथ दुर्व्यवहार मामले में हिन्दू कुलतिलक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के सामने आने के बाद ईसाई आदिवासी महासभा नन के समर्थन में सामने आ गया है।इधर भाजपा नेत्री रायमुनी भगत द्वारा जिला कलेक्टर को पत्र लिखे जाने के बाद ईसाई आदिवासी महासभा के पदाधिकारी सिंहासन मिंज ने भी जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर रियासतकालीन जानकारी मांगी है।जिसमें ऑपरेशन घर वापसी पर भी सवाल उठाया गया है।
उल्लेखनीय है कि उक्त मामले पर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने हिन्दू संगठनों के साथ बैठक कर ईसाई धर्म गुरुओं को सीधी चेतावनी देते हुए धर्मांतरण के मुद्दे पर सीधा वार किया था।इधर ईसाई आदिवासी महासभा द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष एवं भाजपा नेत्री रायमुनी भगत व उनके समर्थकों पर एफआईआर की लगातार मांग की जा रही है।इज़के बावजूद कार्यवाही नहीँ होने से नाराज ईसाई आदिवासी महासभा के राज्य मीडिया प्रभारी सिंहासन मिंज ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर 8 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।
पत्र की कॉपी पत्रवार्ता के पास सुरक्षित है।जिला कलेक्टर को सिंहासन मिंज द्वारा दिये गए पत्र में उल्लेख है ।
श्रीमान् कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी महोदय, जिला- जशपुर (छ.ग.)
विषय श्रीमती रायमुनी भगत (अध्यक्ष जिला पंचायत जशपुर के धर्म की जाँच किए जाने एवं तत्संबंधी प्रासंगिक जानकारी उपलब्ध कराने बाबत् -
महोदय,
विषयांकित लेख है कि, दिनांक 06 जून 2023 को ग्राम बालाछापर थाना जशपुर में ईसाई नन के परिवार में ईसाई धर्मविधि अनुसार पवित्र मिस्सा सम्पन्न कराने के बाद श्रीमती रायमुनी भगत और उनके साथ आए लगभग 30 व्यक्तियों द्वारा उपद्रव मचाते हुए मार पीट, गाली-गलौज, छीना-झपटी की गई और निर्दोष लोगों पर धर्मान्तरण का आरोप लगाया गया। उपद्रवियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग को लेकर ईसाई आदिवासी महासभा छत्तीसगढ़ द्वारा दिनांक 14 जून 2023 को एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया गया था।
श्रीमती रायमुनी भगत द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष होते हुए आपराधिक कृत्य किया गया है और कानूनी कार्यवाही से बचने के लिए दिनांक 13 जून 2023 को आपको सम्बोधित एक ज्ञापन दिया गया है। उनके ज्ञापन में जशपुर जिले में ईसाई धर्म में धर्मान्तरण को लेकर कुछ सवाल पूछे गए हैं, जानकारी चाही गई है और दोषियों पर कार्यवाही की मांग की गई है।
महोदय धर्मान्तरण का एक दूसरा पहलू भी है, इसके संबंध में हमारा निवेदन निम्नानुसार है-
1. छत्तीसगढ़ धर्म स्वातन्त्र्य अधिनियम, 1968 में एक धर्म से दूसरे धर्म में संपरिवर्तन करने के लिए उम्र के आधार पर कोई प्रतिषेध का प्रावधान नहीं है।भारत के संविधान अनुच्छेद 25 के अनुसार सभी व्यक्तियों को अंतःकरण की स्वतंत्रता का और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण करने और प्रचार करने का समान हक है।
इन प्रावधानों से श्रीमती रायमुनी भगत को अवगत कराया जावे।
2. कृपया हमें यह जानकारी उपलब्ध करावें -
(क) जशपुर जिला अभिलेखागार में संरक्षित रियासतकालीन अभिलेख में भारत की जनगणना 1881, 1891, 1901, 1911, 1921, 1931 और 1941 में पूर्व जशपुर रियासत क्षेत्र के आदिवासियों का कौन सा धर्म अभिलिखित था?
(ख) रियासतकाल में जशपुर के आदिवासियों द्वारा ईसाई धर्म अपनाने पर रियासत के राजा और जमींदारों द्वारा कितने आदिवासियों को कोड़े मारने, उनकी जमीन छीनने और अन्य अत्याचार करने की घटनाएँ रियासतकालीन अभिलेख में दर्ज हैं?
(ग) जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रायमुनी भगत के पूर्वजों का वर्ष 1951 के पूर्व क्या धर्म दर्ज था तथा वर्तमान में उनका क्या धर्म दर्ज है?
(घ) यदि वर्ष 1951 के पूर्व श्रीमती रायमुनी भगत के पूर्वजों का धर्म Tribal Religion या Animism था और वर्तमान अभिलेख अनुसार उनका धर्म हिन्दू दर्ज है तो कब और किसके द्वारा उनका हिन्दू धर्म में संपरिवर्तन कराया गया।
(ङ) 1941 में जशपुर रियासत क्षेत्र में हिन्दुओं की संख्या कितनी थी और जशपुर जिले में वर्तमान वर्ष 2023 में कितनी है ?
(च) जशपुर जिले में वर्ष 1968 से अब तक किसी संगठन या व्यक्ति द्वारा ऑपरेशन घर वापसी के नाम पर कितने आदिवासियों का ईसाई धर्म से हिन्दू धर्म में संपरिवर्तन कराया गया।
(छ) यदि वर्ष 1901 के पूर्व आदिवासियों को Aboriginals के रूप में अभिलिखित किया गया था और उनका मूल धर्म Tribal Religion या Animism दर्ज था तो जशपुर जिले में ऑपरेशन घर वापसी के नाम पर ईसाई धर्म अपनाए आदिवासियों का हिन्दू धर्म में संपरिवर्तन कराने के कितने मामलों की प्रज्ञापना छत्तीसगढ़ धर्म स्वातन्त्र्य अधिनियम, 1968 के तहत जिला मजिस्ट्रेट जशपुर को दी गई?
(ज) 1968 से अब तक ऑपरेशन घर वापसी के नाम पर बिना कानूनी प्रक्रिया पूर्ण किए अवैध रूप से आदिवासियों का ईसाई से हिन्दू धर्म में संपरिवर्तन के कितने मामले पाए गए. उनपर क्या कानूनी कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई है तो जाँच कर अपराध में संलिप्त व्यक्तियों पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जावे।
सिंहासन मिंज ग्राम रतिया, पोस्ट-लोदाम तहसील व जिला जशपुर (छ.ग.) के द्वारा भारत के माननीय राष्ट्रपति, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली,माननीय राज्यपाल महोदय, छत्तीसगढ़, राजभवन रायपुर को भी प्रतिलिपि भेजी गई है ।
यह था मामला
घटना 6 जून की रात 9 बजे के करीब की है। जब जिला पंचायत अध्यक्षा व दबंग भाजपा नेत्री रायमुनि भगत अपने कार्यकर्ताओं के साथ बालाछापर गांव पहुंची। जहां आरोप के अनुसार चंगाई सभा हो रही थी और हिन्दू देवी देवताओं के खिलाफ आयोजक लोग बोल रहे थे।जिसके बाद रायमुनि भगत की शिकायत पर नन समेत 4 लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया था।कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ईसाई आदिवासी महासभा इनके समर्थन में सामने आ गया।
नन विभा बाई के समर्थन में उतरे ईसाई नेता अनिल किस्पोट्टा,वाल्टर कुजूर इन आरोपों को खारिज करते हुए कह रहे हैं कि नन बनने की खुशी मनाना चंगाई सभा नहीं है।गांव में खुशियां मनाई जाती है तो जशपुर में धर्म का भेदभाव नहीं करते। शांतिप्रिय लोगों के बीच वैमनस्यता फैलाने के लिए रायमुनि भगत और कुछ लोगों ने गलत किया है जिसपर वे और पीड़ित के परिजन लगातार कार्यवाही की मांगकर रहे हैं।
बीते दिनों उन्होंने एकजुट होकर जिला प्रशासन समेत पुलिस को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग भी की है।बहरहाल उक्त मामले में एक पक्ष पर कार्यवाही होने के बाद दूसरे पक्ष पर भी कार्यवाही की मांग की जा रही है।बहरहाल इस मामले में दोनों पक्षों की सियासत तेज हो गई है अब देखना होगा कि रियासत की सियासत पर ईसाई आदिवासी महासभा क्या रुख इख़्तियार करता है।
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