जशपुर,टीम पत्रवार्ता,13 जून 2023
By योगेश थवाईत
जशपुर में यूं तो भाजपा का गढ़ रहा है।इस मिथक को तोड़ते हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जशपुर जिले की तीनों विधानसभा सीटों से भाजपा को बाहर कर दिया।लंबे समय के बाद फिर से आगामी नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने तैयारी शुरु कर दी है।इस बार रमन के नाम पर नहीं बल्कि मोदी के काम को आईना बनाकर वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने की योजना पर नेता काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कल पत्थलगांव में केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के नेतृत्व में बीजेपी का लोकसभा स्तरीय सम्मेलन रखा गया था।जिसमें जशपुर जिले के पूर्व मंत्री व कद्दावर आदिवासी नेता गणेश राम भगत न तो प्रत्यक्ष दिखे न ही पोस्टरों में कहीं उनकी तस्वीर नजर आई।
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि जिस उंगली को थामकर संगठन के लोग राजनीति करना सीखे हैं उसको दरकिनार कर खुद का चेहरा चमकाना कौन सी राजनीति है।
पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को उक्त कार्यक्रम में तवज्जो नहीं देना संगठन की बड़ी गलती को दर्शाता है।अब तो सोशल मीडिया में भाजपा की फजीहत होने लगी है।भगत समर्थक खासे नाराज हैं और लिख रहे हैं कि
सोशल मीडिया ग्रुप से साभार
कार्यक्रम में गुटबाजी चल रही है। कल पथलगांव में केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी की उपस्थित में लोकसभा का सम्मेलन हुआ जिले के सभी नेताओं की उपस्थिति हुई और बेनर में सभी नेताओं के फोटो लगे किन्तु वरिष्ठ एवम सक्रिय नेता श्री गणेश राम जी को न तो बुलाया गया और न ही बेनर में उनका फ़ोटो ही लगाया गया।एक वरिष्ट आदिवासी नेता के साथ जिला भाजपा ऐसा व्यवहार कर रही है ऐसे में पार्टी कैसे जीतेगी। शायद ऐसे ही अपमान के कारण वरिष्ठ आदिवासी नेता नन्दकुमार साय जी ने भाजापा छोड़कर कांग्रेस प्रवेश कर लिया है।
प्रदेश के ऐसे नेता जो गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं उनसे स्पष्टीकरण लेना चहिए इस मामले में गुटबाजी को बढ़ावा देने वाले नेताओं पर सीधा आरोप लगाया गया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव मे संगठन के एक खेमे ने अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं और चाहते हैं कि गणेश राम भगत को पार्टी से किनारे कर दिया जाए ।
इस मुद्दे को लेकर जनजातिय सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है जो आगामी चुनाव के लिए ठीक नहीं है ।
बहरहाल जशपुर में भाजपा के कई खेमे हैं जिनमें लगातार अंदर ही अंदर असंतोष है।जनजातीय सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम में भीड़ जुटाकर अपनी राजनीति चमकाने का काम हो रहा है।जिले की तीनों विधानसभा में भाजपा की जीत के लिए जमीनी नेताओं की पकड़ जरुरी है।
उल्लेखनीय है कि गणेश राम भगत पूर्व मंत्री रह चुके हैं इसके साथ ही आदिवासी समाज मे उनकी खासी पकड़ है।राजनीतिक समीकरण को दूरदर्शिता के साथ समझना और जमीन तैयार कर उसमें कमल खिलाना उनकी खासियत रही है।जात भीतर,डीलिस्टिंग समेत गौ रक्षा व हिंदुत्व जागरण के विषयों पर लगातार वे वनवासी आदिवासी समाज के बीच अपनी गहरी पैठ बनाए हुए हैं।
लगातार बीजेपी उनकी उपेक्षा कर रहा है जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ रहा है इज़के बावजूद केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम में उनका नजर नहीँ आना कहीं न कहीं संगठन की बड़ी कमी को प्रदर्शित करता है।
जनजातीय सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं ने आला नेताओं से पूरे मामले की शिकायत करते हुए संगठनात्मक अनुशासन को बनाए रखने की मांग की है।
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