जशपुर ,टीम पत्रवार्ता,15 जून 2023
जशपुर जिले के सन्ना महिला बाल विकास विभाग में पदस्थ सुपरवाईजर क्रेसेंसिया टोप्पो पर रेडी टू ईट का वितरण नहीं किये जाने के गंभीर आरोप लगे थे।दरअसल सन्ना के सरधापाठ में 38 व देवडांड में 32 आँगनबाड़ी केंद्र हैं जहाँ रेडी टू ईट वितरण में अनियमितता की बात सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आई थी।जिसके बाद लम्बे जाँच के बाद सुपरवाईजर को निलंबित कर दिया गया था।अब तमाम जाँच के बाद पर्यवेक्षक क्रेसेन्सिया टोप्पो ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है।जिसके बाद उनपर दो साल की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने की शास्ति के साथ उन्हें बहाल कर दिया गया है।
हांलाकि जाँच शुरु होते ही अगस्त 2022 में सुपरवाईजर द्वारा अधिकतर केन्द्रों में जाकर मामले को निपटाने का प्रयास भी किया गया था ।वहीँ कुछ केन्द्रों में रातोंरात रेडी टू ईट पंहुचाकर पावती भी लिया गया था ।गलती सुधारने की हड़बड़ी में बड़ी गलती यह सामने आई कि आनन फानन में सुपरवाईजर ने अगस्त माह की पैकिंग रेडी टू ईट जुलाई का कहकर बाँट दिया था।
यह था मामला
श्रीमती क्रेसेन्सिया टोप्पो पर्यवेक्षक कार्यालय परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना सन्ना जिला जशपुर छ.ग. को बीज निगम के माध्यम से वितरण करने वाले रेडी टू ईट फूड को अपने आधिपत्य में लेने एवं समय पर वितरण नहीं करने, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम प्रभावित होने खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के उल्लंघन, उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन न करने के कारण एवं कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था।
वहीँ अपचारी कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु आरोप पत्रादि जारी किये गये थे।अपचारी कर्मचारी के द्वारा प्रस्तुत जवाब के अनुसार अपने विरुद्ध आरोपित आरोप स्वीकार कर लिया गया है, फलस्वरूप संबंधित अपचारी कर्मचारी के ऊपर अधिरोपित आरोप पूर्ण रूप से प्रमाणित होता है।
अतः अपचारी कर्मचारी श्रीमती क्रेसेन्सिया टोप्पो पर्यवेक्षक, एकी. बाल विकास परियोजना सन्ना जिला जशपुर (छ.ग.) को अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता बरते जाने के फलस्वरूप कदाचरण का दोषी पाया जाकर छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 के तहत् दीर्घ शास्ति अन्तर्गत 02 वार्षिक वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोका जाकर कर्तव्य पर बहाल करते हुए मूल पदस्थापना कार्यालय एकी. बाल विकास परियोजना सन्ना जिला- जशपुर छ.ग. में पदस्थ किया जाता है।एतद अनुसार निलंबन अवधि को समस्त प्रयोजनों के लिये कार्य अवधि माना जायेगा ।
बहरहाल मूल पदस्थापना में पुनः पदस्थ करने पर सवाल उठने लाजिमी हैं।जहाँ कार्य करते हुए तमाम आरोपों की जाँच सही पाई गई ऐसे में पुनः एकी. बाल विकास परियोजना सन्ना में पदस्थापना विभागीय कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है।
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