जशपुर,टीम पत्रवार्ता,02 अप्रैल 2023
BY योगेश थवाईत
जशपुर ही नहीं देश और प्रदेश में ब्रेकिंग बनकर चल रही इस घटना ने समाज की उस हकीकत को सामने लाकर रख दिया है जहाँ व्यक्ति आज भी समाज की मुख्य धारा से दूर अकेला पड़ा हुआ है।इस बार शासन प्रशासन ने यह तो स्पष्ट कर दिया कि मृतक के परिवार में न तो कमी थी और न ही कोई अभाव। बाकायदा मृतक को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत था,अंत्योदय राशन कार्ड से राशन मिलता था,अच्छे स्वास्थ्य लिए आयुष्मान कार्ड भी था,खेती किसानी के लिए जमीन भी थी। इसके बावजूद पति पत्नी ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ फांसी के फंदे पर झूलकर एक साथ मौत को गले क्यों लगा लिया इसका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है। इस बीच शासन की और से प्रशासनिक अमले ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई वहीँ विपक्ष ने भी मुद्दा भुनाने का कोई कसर नहीं छोड़ा।फिलहाल विपक्ष में बैठी बीजेपी ने सरकार पर सवाल दागने शुरु कर दिए हैं वहीँ मामले में जाँच कमेटी बनाकर जाँच भी कराई जा रही है।
यह था मामला
जशपुर जिले के बगीचा थाने के झुमराडूमर में हृदय विदारक घटना सामने आई है।जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवार के चार लोगों ने एक साथ खुदकुशी कर ली है।मृतकों में पति राजूराम (35 ) पत्नी भिनसारीन बाई (22 ) समेत 2 बच्चे हैं।जिनमें एक बच्चा देवन साय (01 ) साल का वहीं दूसरी बच्ची देवंती (3) साल की है।चारों मृतक राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवार से हैं।घटना की सूचना मिलते जशपुर जिले की पुलिस मौके पर पंहुच गई वहीं फोरेंसिक टीम के द्वारा बारीकी से मामले की जांच शुरू कर दी गई है।जिला कलेक्टर डॉ रवि मित्तल पूरे प्रशासनिक अमले के साथ घटनास्थल पर पंहुचे और उन्होंने मृतक परिवार से मुलाकात कर घटना की जानकारी लेते हुए हर संभव मदद की बात कही है।
प्रदेश में एक ओर जहाँ सरकार पहाड़ी कोरवाओं के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं वहीं दूसरी ओर आज भी पहाड़ी कोरवा समाज की मुख्य धारा से दूर नजर आ रहे हैं।विहड़ता के साथ अभाव में जिंदगी बिताने वाले पहाड़ी कोरवाओं के पास भले ही शाशन की योजना पंहुच गई पर उन्हें आज भी जिंदगी जीने का तरीका नहीं आया।एक ऐसे ही परिवार में पति पत्नी व 2 बच्चों समेत 4 लोगों के द्वारा फांसी लगाकर खुदकुशी करना इसका बड़ा उदाहरण है।
घटनास्थल का दृश्य हृदयविदारक था जहां एक ही पेड़ पर एक रस्सी में 1 साल का भाई व 3 साल की बहन फांसी के फंदे पर झूल रहे थे वहीं दूसरे फंदे पर पति पत्नी ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।मासूम बच्चों का कोई दोष नहीं था न ही वे उस फंदे तक पंहुच पाते लिहाजा पुलिस यह अनुमान लगा रही है कि पति पत्नी में से किसी ने पहले बच्चों को रस्सी पर झुलाया होगा और फिर खुद दोनों दूसरे फंदे पर झूलकर एक साथ अपनी ईहलीला समाप्त कर ली।बहरहाल यह जाँच का विषय है कि आखिर मौत का असल कारण क्या है....?
मामले में जशपुर एएसपी उमेश कश्यप ने बताया कि मृतक के भाई देवकुमार के अनुसार एक हफ्ते पहले बैजनाथ व जगन से किसी बात को लेकर हाथापाई हुई थी।इधर मृतक के ससुराल वालों ने भी यही बात पुलिस को बताई है।हांलाकि इस घटना के बाद भी बैजनाथ के साथ वे साथ महुआ उठा रहे थे। इसके बाद अचानक ऐसा क्या हुआ कि इस परिवार ने इतना बड़ा कदम उठा लिया यह जाँच का विषय है।
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