जशपुर,टीम पत्रवार्ता,12 जनवरी 2022
BY योगेश थवाईत
छत्तीसगढ़ शासन ने भले ही कोविड संक्रमण के मद्देनजर अलर्ट जारी करते हुए आगामी 26 जनवरी के सार्वजनिक कार्यक्रम सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी हो पर इसका असर जिले में होता नहीं दिख रहा।एक ओर जहाँ शासन के आदेशों की जानकारी स्कूलों तक नहीं पंहुची है तो वहीँ जिला प्रशासन ने कोविड को लेकर कोई गाईडलाईन जारी नहीं किया है।जिसके कारण आने वाले दिनों में जिले में लगने वाले जतरा मेला की तैयारी शुरू हो गई है।गौरतलब है कि मेले में हजारों की भीड़ होती है वहीँ असामाजिक तत्वों की आवाजाही समेत ध्वनि प्रदुषण से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है और कोविड के नए वैरिएंट का संक्रमण भी बढ़ने का खतरा बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी में बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम में कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए इस पर शासन प्रशासन ने रोक लगा दी है।वहीँ दूसरी ओर प्रशासन जशपुर जिले में हजारों की भीड़ में होने वाले जतरा मेले के आयोजन पर रोक क्यों नहीं लगा रही यह बड़ा सवाल है।
दरअसल जशपुर जिले में सन्ना में मेले का आयोजन होने के बाद अब जशपुर समेत बगीचा कुनकुरी व जिले के अन्य हिस्सों में भी मेले की तैयारी की जा रही है।हांलाकि नगर पालिका,नगर पंचायत को मेलों से कुछ राजस्व मिलता है पर बड़ा सवाल यह है कि क्या थोड़े से राजस्व के लिए कोविड संक्रमण के प्रति लापरवाही रवैया जायज है ?
क्या इस भीड़ भाड़ से मेले के कारण वहां संक्रमण का खतरा नहीं होगा..? बाहरी लोगों की आवाजाही के साथ असामाजिक तत्वों के कारण आपराधिक गतिविधियां भी बढ़ने का खतरा होता है।संस्कृति के नाम पर आयोजित मेले का स्वरूप अब बदल चुका है जो बस कमाई का जरिया बन चुका है।बच्चों की परीक्षाओं,ध्वनि प्रदूषण,गंदगी समेत कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जिला प्रशासन को जिले में होने वाले सभी मेला आयोजनों पर रोक लगाना चाहिए।
हांलाकि ऐसे आयोजनों को लेकर जिला प्रशसन ने अब तक कोई गाईडलाईन जारी किया वहीँ अब देखना होगा कि सार्वजनिक कार्यक्रमों,मेला आयोजनों को लेकर जिला प्रशासन का क्या रुख सामने आता है ?
जशपुर एसडीएम श्यामा पटेल ने बताया कि फिलहाल जिले में ऐसी कोई गाईडलाईन जारी नहीं की गई है। राज्य शासन के निर्देशों पर सर्कुलर जारी किया जाएगा।
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