जशपुर,टीम पत्रवार्ता,21 सितंबर 2022
By योगेश थवाईत
जशपुर जिले के कुनकुरी विधायक व संसदीय सचिव यूडी मिंज अपने तीखे तेवर के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं।इस बार उन्होंने जिले की बहुप्रतीक्षित दमेरा चरईडाँड़ मार्ग को लेकर सारी हकीकत बयां करते हुए संबंधित ठेकेदार व दोषियों के विरुद्ध एफआईआर की मांग की है।
संसदीय सचिव यूडी मिंज ने ठेकेदारों समेत विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा है कि वे खुद एक इंजीनियर हैं और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से वे कभी कोई समझौता नहीं करेंगे।
दमेरा से चराईडाँड़ मार्ग पर लगे रोक को लेकर लगातार यूडी मिंज बीजेपी नेताओं के निशाने पर रहे हैं।विधायक यूडी मिंज ने बताया कि आरोप लगाना विपक्ष का काम है उन्हें अपने सरकार की अपने क्षेत्र की चिंता है।वे अपने कार्यकाल में गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने बताया कि उनके प्रयासों के कारण आज हजारों पेड़ कटने से बच गए शासन के पैसों की बरबादी नहीं हुई।जब उक्त मार्ग के निर्माण की शुरुआत हुई तो उन्होंने मौके पर जाकर इसका निरीक्षण किया तब वहां वन अमले के साथ लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद थे।
यहां का दृश्य हैरान करने वाला था।सैकड़ों पेड़ काट दिए गए थे,एस्टीमेट ड्राइंग डिजाइन से हटकर ठेकेदार द्वारा कार्य किया जा रहा था।नियमों से विपरीत लगभग दुगुने से भी ज्यादा मिट्टी वर्क दिखाया गया।पेड़ों को काटे जाने पर वन विभाग ने पीओआर भी काटा।
मामले की जानकारी सामने आने पर पता चला कि दमेरा चराईडाँड़ मार्ग का टेंडर 18 करोड़ का था जो लगभग 28 परसेंट एसओआर से निम्न दर पर स्वीकृत हुआ था।विभागीय मिलीभगत से उक्त कार्य में बड़ी अनियमितता की जा रही थी।
यहां लगभग 1 लाख 20 हजार क्यूबिक मीटर मिट्टी का वर्क दिखाकर लगभग 9 करोड़ 26 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है।जो स्वीकृत एस्टीमेट से दोगुना है।वहीं सैकड़ों वृक्षों को बेतरतीब तरीके से काटकर वन संपदा को अवांछित नुकसान पंहुचाया गया है।टेंडर के नियमानुसार कार्य नहीं किया जा रहा था
श्री मिंज ने बताया कि उनके द्वारा ईएनसी वीके भतपहरी से इसकी शिकायत की गई थी कई बार रिमाइंडर भेजा गया था इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।अंततः कलेक्टर ने जांच टीम गठित कर मामले की जांच कराई जिसमें काफी अनियमितता की बातें सामने आई हैं।
मामले में दिलचस्प पहलु यह भी है कि कलेक्टर व संसदीय सचिव के द्वारा उक्त निर्माण के भुगतान पर रोक लगाए जाने के बाद भी विभाग के द्वारा उक्त कार्य का भुगतान कर दिया गया।
संसदीय सचिव यूडी मिंज ने साफ शब्दों में कहा है उन्होंने इस मामले में कड़ी कार्यवाही के लिए ईएनसी को 4 लेटर लिखे थे और 3 स्मरण पत्र भी दिए थे।उन्होंने दोषियों के विरुद्ध एफआईआर की मांग भी की है।सबसे बड़ी बात जो सामने आई है उक्त कार्य के लिए कार्य होने से पहले ही रिवाइज़ इस्टीमेट शासन को भेजा जा चुका था।रिवाईज सेंक्शन नहीं हुआ और भुगतान कर दिया गया।नियमानुसार भुगतान से पहले अप्रूवल लिया जाना था।जिसके बाद धारा 40 के तहत सड़क को निरस्त किया गया।
बहरहाल जिले की यह सड़क जशपुर की हसीन वादियों को दिखाते हुए लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग है।उक्त सड़क निर्माण से संबंधित जांच कलेक्टर के निर्देश पर पूरी कर ली गई है।लोकनिर्माण विभाग,जलसंसाधन विभाग, पीएमजीएसवाई के कार्यपालन अभियंता की टीम ने जांच पूरी कर रिपोर्ट कलेक्टर को प्रेषित कर दी है।अब देखना होगा कि तमाम जांच कार्यवाही के बाद पुनः सड़क निर्माण का कार्य कब तक प्रारम्भ हो पाता है और दोषियों पर क्या कार्यवाही होती है।
फिलहाल ईएनसी वीके भतपहरी को शासन ने हटा दिया है।जल्द ही उक्त मामले में दोषी ठेकेदार,अधिकारी कर्मचारियों पर भी कड़ी कार्यवाही का संकेत श्री मिंज ने दिया है।
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