जशपुर,टीम पत्रवार्ता,13 सितम्बर 2022
BY योगेश थवाईत
जशपुर वनमंडल के अधिकारी कर्मचारियों ने ग्रामीणों की मदद से हाथियों के दल से बिछड़कर गाँव आए हुए हाथी शावक को हाथियों के दल से मिलाने का अनोखा रेस्क्यू किया है। गौरतलब है कि जशपुर के तपकरा वन परिक्षेत्र के समडमा गाँव में आज सुबह एक माह का हाथी शावक अपने दल से बिछड़कर गाँव पंहुच गया था।जिसकी सुचना मिलते ही जशपुर वन मंडल के डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय दल बल के साथ समडमा गाँव पहुंचकर हाथी के शावक पर नजर बनाए हुए थे। वन अधिनियम के तहत बने प्रोटोकाल का पालन करते हुए लगभग 10 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद हाथी के शावक को सकुशल उसके दल तक पंहुचाने का सफल रेस्क्यू वन विभाग ने किया है। फिलहाल झुंड से भटके हुए हाथी शावक के मादा हाथी झुण्ड से मिला दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि जशपुर के तपकरा वन परिक्षेत्र में लम्बे समय से लगभग 35 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। जिसमें कई शावक भी शामिल हैं। मंगलवार की सुबह हाथियों के दल में से एक शावक भटकते हुए तपकरा वन परिक्षेत्र के समडमा गाँव आ गया। जिसे देखकर ग्रामीणों ने उसके साथ खेलना शुरु कर दिया।
हाथी शावक के गाँव आने की जानकारी जब जशपुर वनमंडल को मिली तो जशपुर डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने तत्काल वन अमले को अलर्ट करते हुए हाथी के शावक को सुरक्षित जंगल में उसके बिछड़े हुए हाथी दल से मिलाने का ऑपरेशन शुरु कर दिया।
इसके लिए उन्होंने उच्चाधिकारियों का मार्गदर्शन लेते हुए सबसे पहले हाथी के शावक को ग्रामीणों से मुक्त कराते हुए उसे भयमुक्त वातावरण में रखा गया जिसके बाद पशु चिकित्सक द्वारा शावक का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उसके खाने पीने का ख़याल रखते हुए हाथी मित्रदल,वनरक्षक ,ट्रैकर व ग्रामीणों की मदद से हाथी झुण्ड का लोकेशन जंगल में लिया गया और लगभग 10 घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद हाथी के शावक को उसके दल से मिलवाया गया।
डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अगले दो दिनों तक हाथी शावक की निगरानी वन अमला करेगा। उन्होंने इस ऑपरेशन की सफलता के लिए ग्रामीणों के साथ पुरे वन अमले का आभार व्यक्त किया है।उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को हाथियों की चहलकदमी होने के बावजूद उन्होंने संयम के साथ संवेदना दिखाई जिसके कारण कोई हानि नहीं हुई और शावक को सुरक्षित जंगल में उसके दल तक भेजा जा सका।
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