जशपुर,टीम पत्रवार्ता,25 जून 2022
BY योगेश थवाईत
जशपुर जिले में सारे नियम कायदों को ताक में रखकर धड़ल्ले से चल रहे निजी स्कूलों पर जिला प्रशासन ने कार्यवाही शुरु कर दी है।गौरतलब है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के संरक्षण में ऐसे बहुत से स्कूल संचालित हैं जो स्कूल संचालन के लिए बने गाईडलाईन का पालन नहीं कर रहे हैं।स्कूल के प्रबंधक द्वारा टीसी के लिए पहाड़ी कोरवा परिजनों से जब बकरे के साथ 10 हजार रुपए मांगे जाने का मामला सामने आया तो कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच टीम भेजकर मामले की जांच कराई।जिसमें मामला सही पाया गया।जिसके बाद बीईओ के जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल की मान्यता रद्द करने का आदेश जारी कर दिया।
कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर के पत्र क्रमांक 2396 / मान्यता / मान्यता / 2022-23 जशपुर दिनांक-24.6.2022 के अनुसार प्राचार्य अशासकीय गैर अनुदान प्राप्त गुरुकुल संस्कृत विद्यालय सेंधवार विकासखंड बगीचा जिला जशपुर को लिखे गए पत्र में बताया गया है कि 24.06.2022 को समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार संस्था प्रबंधक द्वारा अभिभावक से टीसी देने के एवज में 10000 रूपए की मांग" किए जाने की जांच विकासखंड शिक्षा अधिकारी बगीचा के द्वारा कराई गई।
जाँच रिपोर्ट में शिकायत सहीं पाई गई, साथ ही भवन में पर्याप्त शिक्षण कक्षों की कमी एवं अवयवस्था पाई गई जिसके आधार पर अशासकीय गुरुकुल संस्कृत विद्यालय सेंधवार, विकासखंड-बगीचा का सत्र 2022 - 23 की मान्यता पर एतद् द्वारा रोक लगाई जाती है।
जिला कलेक्टर रितेश अग्रवाल द्वारा मामले में जांच के आदेश देने के बाद बीईओ बगीचा द्वारा मामले में जांच कर प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को भेजा गया।हांलाकि डीईओ के आदेश में वर्ष 2022-23 की मान्यता पर रोक लगाई गई है।जिससे सम्भावना जताई जा रही है कि पुनः इस विद्यालय को संचालन की अनुमति दी जा सकती है।फिलहाल स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल संचालन के किसी गाईडलाईन का पालन नहीं किया जा रहा है।
यह था मामला
मामला है जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड का जहाँ सेंधवार अम्बाडीपा में संचालित गुरुकुल संस्कृत विद्यालय में प्रबंधक द्वारा पहाड़ी कोरवा बच्चों के टीसी के लिए उनके परिजनों से दस हजार रुपयों के साथ एक बकरे की मांग की गई।जब मामले की जानकारी मिडिया को लगी तो स्कुल प्रबंधन से इस मामले में बात की गई तो आनन फानन में प्रबंधन से टीसी व अंकसूची बिना पैसों के देने की बात कही।
प्रियंका व रेवती की माँ पार्वती ने बताया कि पहले उनके दोनों बच्चे लमदरहा स्कूल में पढ़ते थे जहाँ सीट खाली न होने के कारण उनके बच्चों का एडमिशन उन्होंने सेंधवार अम्बाडीपा में संचालित गुरुकुल संस्कृत विद्यालय में कराया ।यहाँ गरीबी के कारण वे स्कूल का फीस नहीं भर पाए।स्कूल प्रबंधन के दबाव से वे परेशान हो गए और अपने बच्चों को यहाँ से निकालने के लिए टीसी की मांग करने लगे।
जिसपर स्कुल के प्रबंधक व् प्रधान पाठक फुलेश्वर यादव ने पहाड़ी कोरवा बच्चों की मां से टीसी व अंकसूची के लिए दस हजार रूपए के साथ बकरे की मांग कर डाली।माँ पार्वती ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब है और वे अब अपने बच्चों को पंडरापाठ पहाड़ी कोरवा आश्रम में पढ़ाना हैं पर टीसी व अंकसूची नहीं मिलने के कारण उनका एडमिशन वहां नहीं हो पा रहा है।
बहरहाल प्रशासन ने दोनों छात्राओं को पंडरापाठ आश्रम में एडमिशन कराने की पहल शुरु कर दी है।वहीं निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर अब जिला प्रशासन कार्यवाही के मूड में नजर आ रही है।
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