बलरामपुरं,टीम पत्रवार्ता,06 जून 2022
BY योगेश थवाईत
जनजातीय सुरक्षा मंच के बैनर तले डीलिस्टिंग की मांग को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन का दौर शुरु हो चुका है।छत्तीसगढ़ के जशपुर से शुरु हुई मांग अब देश के अलग अलग हिस्सों में बलवती होती नजर आ रही है।सोमवार को बलरामपुर में डिलिस्टिंग की मांग को लेकर बीजेपी के दिग्गज नेता नंदकुमार साय,रामविचार नेताम समेत जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व मंत्री गणेश राम भगत एक मंच पर दिखे।
पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा वनवासियों की आंधी चल पड़ी है अब यह रुकने वाली नहीं है।इधर अपने बेबाक बयानों के लिए विख्यात नेता नंदकुमार साय ने कहा डिलिस्टिंग की मांग पर सारा समाज एक साथ है।उन्होंने केंद्र सरकार से इसके लिए योजना बनाने की मांग की।
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बलरामपुर में डीलिस्टिंग की माँग को लेकर जनजातीय सुरक्षा मंच के बैनर तले हजारों आदिवासी सड़कों पर उतरे और धर्मान्तरित आदिवासियों पर दोहरे लाभ लेने का आरोप लगाते हुए उन्हें आदिवासियो की सूची से बाहर करने की माँग की। जिला मुख्यालय में आज जनजातीय सुरक्षा मंच के बैनर तले संयोजक गणेश राम भगत,राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम,पूर्व संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा के साथ हजारो की संख्या में आदिवासी सड़को पर उतरे। हजारों की संख्या में आदिवासियों ने रैली निकाली जो आम सभा में तब्दील हो गई।
आदिवासी समाज के नेताओं का आरोप है की आदिवासी समाज के लाखों लोग धर्मान्तरित हो गए हैं और वो आदिवासी के साथ अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त कर दोहरा लाभ ले रहे हैं।सभी धर्मान्तरित लोगों को डीलिस्टिंग करते हुए उन्हें सिर्फ अल्पसंख्यक वर्ग का लाभ मिले ना की आदिवासी का।
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