जशपुर,टीम पत्रवार्ता,15 अप्रैल 2022
जशपुर जिले में इन दिनों नियम कानून को ठेंगा दिखाते हुए जमकर राजस्व की क्षति की जा रही है।मामले में अब सीएम से शिकायत की बात कही जा रही है।दरअसल जशपुर जिले के सभी नगरीय निकायों में टेंडर के माध्यम से मेले की नीलामी होती है जिससे लगभग 50 लाख के राजस्व की आवक शासन को होती है।इस बार मेला ठेकेदारों ने राजनैतिक व् प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त कर किसी निकाय में मेले का ठेका नहीं कराया और कुछ हजार की रसीद कटा कर राजस्व की खानापूर्ति कर ली।
फिलहाल कुनकुरी में सारे नियम कायदों को ताक में रखते हुए बेख़ौफ़ मेले का आयोजन किया जा रहा है।तमाम ख़बरों के बाद भी प्रशासन मूकदर्शक बनकर राजनैतिक दबाव झेलता नजर आ रहा है।आपको बता दें कि कुछ दिन पहले हुई आगजनी के घटना के बाद भी प्रशासन ने पेट्रोल पम्प और गैस एजेंसी के पास मेले की अनुमति दे दी।सुरक्षा के मानक मापदंडों का भी यहाँ पालन नहीं किया जा रहा है।
इधर बिना मेले के टेंडर के नगर पंचायत ने मेले की अनुमति दे दी और एसडीएम ने 08 अप्रैल से 15 अप्रैल तक 7 दिनों के आयोजन का आदेश भी दे दिया।हांलाकि आज मेले का मेले का आखिरी दिन है नियम से प्रशासन को कल से मेले का सञ्चालन बंद कराना होगा अन्यथा प्रशासनिक संलिप्तता स्पष्ट दिखने लगेगी।
फिलहाल जिले के जिले के बगीचा,कुनकुरी जशपुर समेत अन्य क्षेत्रों में मेले के नाम पर ठेकेदार लाखों की वसूली कर रहे हैं और शासन को राजस्व की क्षति पंहुचा रहे हैं जिसमें राजनैतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप की बात बंद जुबां से सामने आ रही है।
हांलाकि आयोजक एसडीएम से तिथि बढ़ाने की कवायद में लगे हैं वहीँ बिजली विभाग कहना कि आज अंतिम दिवस है कल एसडीएम का नया आदेश नहीं आया तो बिजली काट दी जाएगी।
इधर प्रशासन छुट्टी का हवाला देते हुए कार्यवाही से बचता नजर आ रहा है वहीँ सीएम के दौरे से प्रशासनिक तंत्र व्यस्त है और ठेकेदार चांदी काटने में लगे हुए हैं।अब देखना होगा कि जिला प्रशासन कब इस अवैध आयोजन को बंद कराती है।
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