... ब्रेकिंग जशपुर :विधानसभा में उठा जिला अस्पताल के करोड़ों का भ्रष्टाचार मामला,लगा ध्यानाकर्षण,जिला प्रशासन की जांच में 12 करोड़ के फर्जीवाड़े का हुआ था खुलासा,अब तक दोषी डॉक्टर,अधिकारी व कर्मचारियों पर नहीं हुई FIR..? बीजेपी नेता नितीन रॉय ने कहा "अब होगा आंदोलन,बैठेंगे धरने पर"

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ब्रेकिंग जशपुर :विधानसभा में उठा जिला अस्पताल के करोड़ों का भ्रष्टाचार मामला,लगा ध्यानाकर्षण,जिला प्रशासन की जांच में 12 करोड़ के फर्जीवाड़े का हुआ था खुलासा,अब तक दोषी डॉक्टर,अधिकारी व कर्मचारियों पर नहीं हुई FIR..? बीजेपी नेता नितीन रॉय ने कहा "अब होगा आंदोलन,बैठेंगे धरने पर"

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,11 मार्च 2022

By योगेश थवाईत

छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान जशपुर के जिला अस्पताल में बीते दिनों हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले की गूंज ने एक बार फिर से शासन प्रशासन को सवालों के घेरे में लाकर खड़े कर दिया है।मामले में बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से इस भ्रष्टाचार के लिए दोषी अधिकारियों,कर्मचारियों व सप्लायरों पर कार्यवाही की मांग की है।

बीजेपी युवा नेता नितिन राय ने जानकारी देते हुए बताया कि अकलतरा विधायक सौरभ सिंह ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से  सार्वजनिक महत्व के विषय की ओर ध्यान आकर्षित कराया है।जिसमें जिला जशपुर के अन्तर्गत स्थित जिला चिकित्सालय में कोरोना काल के दौरान मरीजों के इलाज के लिए प्रदाय की गई राशि का जमकर बंदरबाट किया गया है।मामले में तत्कालीन आरएमओ अनुरंजन टोप्पो,सिविल सर्जन एफ खाखा समेत अन्य अधिकारियों कर्मचारियों को दोषी पाया गया था।जिसमें महज निलंबन की कार्यवाही के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि जशपुर जिला चिकित्सालय को कोरोना काल में मरीजों के बेहतर इलाज एवं स्वास्थ्य की देखभाल के लिए वृहदमात्रा में राधि प्रदान की गई थी।इस राशि को देखकर यहां जिला चिकित्सालय सहित अन्य अधिकारियों में इतना लालच आ गया कि इन्होने बिना क्रय नियमों का पालन किये बगैर ही राशियों के बिल का फर्जी भुगतान सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के नाम से जारी कर दिया। 

इस पूरी प्रक्रिया विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा न तो टेंडर किया गया है न ही क्रय समिति का अनुमोदन प्रस्ताव पारित किया गया और न ही बिना निविदा जारी किये इन्होने इस राशि का उपयोग अपने हित के लिए किया। इन अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ भण्डार क्रय नियम 2017 का जम कर उल्लंघन किया। और बिना किसी डर भय के करोड़ो रू. का फर्जीवाड़ा किया। 

जब यह मामला उजागर हुआ तो बकायदा इसके लिए जाँच समिति का गठन भी किया गया, इस जांच समिति ने जब इस फर्जीवाड़े की जाँच किया और रिपोर्ट प्रस्तुत किया तब दोषी अधिकारियों को सजा के तौर पर अन्य स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया यह कहाँ का न्याय है ? 

प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में लगभग 12 करोड़ राशि का गबन किया गया। इस विषय पर संचालक संचालनालय रायपुर एवं कलेक्टर द्वारा जाँच आदेश जारी किया गया। इस जाँच में जॉच अधिकारी के रूप में अध्यक्ष, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत जशपुर, अतिरिक्त कलेक्टर (सदस्य) महाप्रबंधक जिला उद्योग (सदस्य) जिला कोषालय अधिकारी (सदस्य) एवं लेखा अधिकारी जिला पंचायत जशपुर (सदस्य) मुख्य रूप से शामिल है। 

जिन्होंने जॉच प्रक्रिया को पूर्ण किया प्राप्त जानकारी के अनुसार वहाँ उपस्थित चिकित्सकों के द्वारा कोसेना काल में भी दवाईयों का वितरण धर्म एवं जातिगत मापदण्ड के अनुसार दी गई, जो घोर अन्याय है। 

ध्यानाकर्षण में उल्लेख है कि उक्त राशि के फर्जीवाड़ा से लेकर विभागीय जॉच की सारी प्रतिया सामने है इसके बाद भी शासन प्रशासन के द्वारा दोषियों के खिलाफ कोई भी कड़ी कार्यवाही नहीं की गई और न ही उन दवाई की विक्रेताओं के लिए कार्यवाही की गई जो इस फर्जीवाड़े में बराबर के हकदार है। जशपुर की आम जनता आज इसका न्याय चाहती है, उन्हें सजा क्यों नहीं दी गई और उनसे सरकारी राशि को क्यों वसुल नहीं किया गया। इन सभी गतिविधियों को देखकर जशपुर के जनता में भारी रोष और आक्रोश व्याप्त है।

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