पत्थलगांव, टीम पत्रवार्ता,26 मार्च 2022
BY प्रदीप ठाकुर
जशपुर जिले की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम ही नहीं ले रही।बीते दिनों जिला अस्पताल के करोड़ों के भ्रष्टाचार में अब तक एफआईआर की कार्यवाही लंबित है वहीं पत्थलगांव सिविल अस्पताल में भी बड़ी लापरवाही सामने आई है।पत्रवार्ता की टीम ने मौके पर पहुंचकर मरीज की मदद की जिंसके बाद उसका इलाज शुरु हो सका।
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कहने को 100 बेड वाले पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में एक मरीज को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी।गंभीर हालत में उसे पत्थलगांव के सिविल अस्पताल लाया गया।जहां आईसीयू बंद था और परिजन यहां वहां भटक रहे थे और स्वास्थ्य अमले को कोई फिक्र नहीँ थी।
जब पत्रवार्ता की टीम को जानकारी हुई तो मौके पर पंहुचकर बीएमओ जे मिंज से पूछा गया तो उनका गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया और उन्होंने कहा आईसीयू बंद है तो ऊपर जाके देख लीजिए वहां होंगे स्टाफ।
वाकई आईसीयू बंद मिला।लगभग 15 मिनट तक पीड़ित मरीज बाहर ही पड़ी रही और फिर आईसीयू का ताला खुलवाकर उसका इलाज शुरू कराया गया।
आपको बता दें कि लोगों को बेहतर सुविधा मिल सके इस उद्देश्य के साथ कोरोना काल मे लाखों खर्च करके आईसीयू को अपडेट किया गया था।आज भी यहां की एसी खराब बताई जा रही है।
यह कोई पहला मामला नहीं जब अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई हो।जरूरत है ऐसे लापरवाही पर सख्त होने की जिससे जिम्मेदार पूरी निष्ठा ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकें।फिलहाल युवती का ईलाज जारी है जिसे ऑक्सीजन पर रखा गया है और गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे निजी एम्बुलेंस से अम्बिकापुर रिफर किया गया है।
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