जशपुर,टीम पत्रवार्ता,24 फ़रवरी 2022
इन दिनों प्रदेश की राजीनीति में जशपुर जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार की चर्चा जोरों पर है। पिछले दिनों बीजेपी ने जिले के बगीचा तहसील में 5 एकड़ जमीन की फर्जी रजिस्ट्री का मुद्दा उठाया था।जिसमें मृत व्यक्ति की जमीन को विक्रेता ने जमीन दलालों की मदद से आधार कार्ड में कूटरचना कर क़ुदरगढ़ी कम्पनी के किसी व्यक्ति को बेच दिया था और इसकी रजिस्ट्री कर दी थी।मामले में कलेक्टर ने एसडीएम को जाँच रिपोर्ट देने को निर्देशित किया था।इधर मामले में जमीन का मालिकाना हक़ रखने वाले वरिसानों ने भी बगीचा पुलिस से लिखित शिकायत कर मामले में जाँच व कार्यवाही की मांग की थी जिसमें पुलिस के द्वारा भी कोई जाँच कार्यवाही नहीं की गई।उक्त मामले में जिला प्रशासन लगातार सवालों के घेरे में बना हुआ है।अब मामले में रजिस्ट्री करने वाले विक्रेता ने सामने आकर अपना गुनाह कबुल करते हुए एसडीएम को लिखित आवेदन दिया है।
क्या था मामला
विक्रेता दुर्जन यादव की मृत्यु 25 नवम्बर 2019 को हो गई थी वहीँ दस्तावेज के अनुसार मृत व्यक्ति ने 07 नवम्बर 2020 को ग्राम कामारीमा स्थित खसरा नं. 2932/2 रकबा 2.0230 हे जमीन 2 लाख 20 हजार में अम्बिकापुर निवासी अभिषेक श्रीवास्तव को बेच दिया, मृतक के परिजनों ने बगीचा थाने में शिकायती पत्र देकर गंभीर आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।वही उक्त मामले में बीजेपी लोकसभा सरगुजा प्रभारी नितिन राय ने इस मुद्दे को दस्तावेजी साक्ष्य के साथ प्रशासन के सामने लाया था।वही जमीन खरीदने वाले व्यक्ति अभिषेक श्रीवास्तव ने मिडिया को दिए गए बयान में बताया था कि माँ कुदरगढ़ी कम्पनी ने उसके नाम से जमीन खरीदा है।इस मामले में जशपुर उप पंजीयक विलियन एक्का ने मामला 2020 का बताकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था।
विक्रेता ने आधार कार्ड में की कूट रचना
उक्त मामले में एक ओर जहाँ बीजेपी हमलावर बनी हुई है वहीँ कांग्रेसी नेता का नाम सामने आने के बाद प्रशासन भी नरम दिखाई दे रहा है।मृत व्यक्ति के नाम पर स्वयं खड़े होकर रजिस्ट्री करने वाले विक्रेता ने बगीचा एसडीएम को आवेदन देकर अपनी गलती स्वीकार कर ली है।बगीचा एसडीएम को दिए गए आवेदन में विक्रेता ने बताया है कि मैं लीलाधर यादव पिता स्व. रातू राम जाति महकुल उम्र 34 वर्ष नि.ग्रा. -टांगरडीह, तह +थाना बगीचा, जिला-जशपुर का रहने वाला हूँ।मेरा आधार नम्बर 256957797356 मो. नं. 6266182738 है। मेरे पिता रातु राम पिता जकनी राम एवं मेरे बड़े पिता स्व. दुर्जन राम पिता जकनी राम के नाम पर ग्राम कामारीमा में खसरा नं. 2932/2 रकबा 2.0230 हे स्थित है।
पैसों की जरुरत होने पर कर दी फर्जी रजिस्ट्री
विक्रेता के आवेदन में उल्लेख किया गया है कि मेरे घर में अत्यन्त गरीबी होने के कारण व मेरे वृद्ध पिता रातू राम के गम्भीर बिमारी के ईलाज के लिए मुझे पैसों की आवश्यकता होने से मेरे पिता रातू राम के कहने पर उक्त भूमि को बेचने के लिए आपसी सलाह कर मेरे पिता रातू राम व मृत स्व दुर्जन राम पिता जकनी के आधार कार्ड की जगह मैने पैसों की आवश्यकता के कारण अपने आधार कार्ड पर अपना फोटो लगा कर अपने नाम के जगह दुर्जन राम उम्र 34 वर्ष पिता जकनी एडिट करा दिया था।जिस भूमि को क्रेता अभिषेक श्रीवास्तव उम्र 33 वर्ष पिता कृष्ण बिहारी लाल जाति कायस्त ग्राम पो. नमनाकला अम्बिकापुर जिला सरगुजा को दिनांक 07. 11.2020 को जशपुर जिला पंजीयक कार्यालय में जाकर मैं और मेरे पिता रजिस्ट्री कर दिये थे।
विक्रेता ने कहा गवाह मुझे नहीं जानते
जमीन रजिस्ट्री में दो गवाह शम्भू प्रसाद यादव पिता नंदकुमार यादव निवासी रामानुजगंज जिला बलरामपुर व हलीम फिरदौसी पिता हुसैन फिरदौसी निवासी बगीचा जिला जशपुर का नाम उल्लेखित है।इस मामले में मृत व्यक्ति के नाम पर खड़े होकर फर्जी रजिस्ट्री करने वाले विक्रेता लीलाधर ने एसडीएम बगीचा को दिए गए आवेदन में बताया है कि क्रेता की ओर से गवाह मुझे आधार कार्ड देखकर पहचान कर हस्ताक्षर किये हैं पूर्व से नाम व चेहरे से मुझे नहीं जानते थे। जिला पंजीयक भी अधार कार्ड देखकर पहचान कर हस्ताक्षर कराये थे। उक्त भूमि विक्रय रजिस्ट्री दिनांक 07.11.2020 में क्रेता / गवाह के समक्ष मैं अपना वास्तविक पहचान छुपाकर रजिस्ट्री किया हूँ। समस्त दस्तावेजों में कुट रचना मेरे द्वारा किया गया है।
गरीब होने का दावा आर्थिक दंड भुगतने के लिए तैयार
उक्त संबंध में आवेदक लीलाधर ने क्षमा प्रार्थी होते हुए बताया है की गरीबी और पिता के ईलाज हेतु पैसों की आवश्यकता के कारण मुझसे जानबुझ कर यह गलती हो गई है मेरी इस दया याचना पर महोदय द्वारा मुझे जो भी आर्थिक दंड़ देंगे मैं उसको क्रेता / छत्तीसगढ़ शासन को पटाने को तैयार हूँ। उक्त भूमि के संबंध में स्व. दुर्जन राम स्व. रातू राम के समस्त वारीसान मेरे इस कृत्य को क्षमा कर फौती चढ़वाकर क्रेता को पुनः विधिवत रजिस्ट्री करने को तैयार हैं परन्तु नियम विरूद्ध / कुट रचित दस्तावेज के आधार पर मेरे द्वारा विक्रेता और गवाहों को तथ्य छुपाकर की गई रजिस्ट्री निरस्त कर दिया जाये ताकि किसी निर्दोष पर अनावश्यक कार्यवाही न हो।
प्रशासन की हो रही फजीहत
मामले में जहाँ जशपुर जिला प्रशासन की फजीहत हो रही है वहीँ सरकार की भी बदनामी हो रही है। कार्यवाही को लेकर कलेक्टर ने बगीचा एसडीएम को जाँच के लिए निर्देशित किया है।दस्तावेजी साक्ष्य के बाद खुद विक्रेता ने गलती स्वीकार कर ली है इसके बावजूद अब तक प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है वहीँ लगातार दोषियों को बचाने की कवायद की जा रही है।आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों पहले जशपुर में फर्जी रजिस्ट्री के मामले में पंजीयक समेत क्रेता विक्रेता पर तत्कालीन कलेक्टर महादेव कावरे ने आपराधिक मामला दर्ज कराते हुए कड़ी कार्यवाही की थी।फिलहाल देखने वाली बात है कि प्रदेश सरकार इस मामले पर क्या एक्शन लेती है।
"एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी ने बताया कि मामले में जाँच पूरी हो गई है जो भी तथ्य सामने आए हैं उसकी रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को प्रेषित कर दी गई है"
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