जशपुर,टीम पत्रवार्ता,08 फ़रवरी 2022
BY योगेश थवाईत
जिस विश्वास के साथ परिजनों ने अपने दिव्यांग बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें जशपुर के समर्थ दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र में भर्ती कराया था उस विश्वास को वहां के अधिकारी कर्मचारियों ने ध्वस्त करते हुए उन मासूम बच्चों के साथ ऐसी हैवानियत की जिसके बाद शासन प्रशासन समेत पुरे सिस्टम पर सवालिया निशान लग गया है।सबसे बड़ी विडंबना यह है कि महज दो कर्मचारियों पर कार्यवाही कर मामले को रफा दफा कर दिया गया।जबकि उक्त मामले में परिजनों ने उच्चस्तरीय जाँच की मांग करते हुए बाल आयोग समेत जनजाति आयोग में भी शिकायत कर कार्यवाही की मांग की थी।उक्त मामले में अब तक जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज नहीं हुई है जिसकी मांग को लेकर पीड़ितों के परिजन उक्त केंद्र के सामने ही धरने पर बैठकर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
यह था मामला
उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले में खनिज न्यास मद के तहत राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा संचालित समर्थ दिव्यांग केंद्र में दो कर्मचारियों के द्वारा नशे की हालत में जमकर उत्पात मचाया गया था और यहाँ दिव्यांग बच्चियों के साथ मारपीट और छेड़छाड़ के बाद अनाचार की गंभीर घटना को अंजाम दिया गया है।मामला दिव्यांग बच्चियों से जुड़ा हुआ होने के कारण तत्कालीन कलेक्टर महादेव कावरे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए जिसमें महिला अधिकारी ने जाँच में एक दिव्यांग बच्ची के साथ दुष्कर्म व 5 दिव्यांग बच्चियों के साथ छेड़छाड़ व यौन प्रताड़ना की पुष्टि हुई थी।
घटना 22 सितंबर के रात 11 बजे की है जहां दो अस्थायी कर्मचारी नशे की हालत में दिव्यांग केंद्र पंहुचे और जमकर उत्पात मचाने लगे।घटना के दिन अधीक्षक केंद्र में नहीं थे और केयर टेकर कही बाहर थे।लिहाजा एक रसोइये और नशे में चुर चौकीदार के भरोसे दिव्यांग बच्चे थे।घटना के समय नशे में लिप्त दोनों अस्थायी कर्मचारियों ने पहले तो वहां रात्रि ड्यूटी में लगे रसोइये को उसके कमरे में बंद कर दिया और दिव्यांग बच्चियों को दौड़ाने लगे।इस दौरान बच्चियां अपने को बचाने के लिए परिसर में भागती रहीं।और नाली में भी गिरीं,कुछ के कपड़े फटे और कुछ बच्चियों को चोट भी लगी।नशे में चुर कर्मचारियों ने एक दिव्यांग बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाते हुए उसके साथ अनाचार किया और 5 बच्चियों के साथ जमकर छेड़छाड़ की।
देखिए परिजनों ने क्या कहा
पुलिसिया कार्यवाही से परिजन असंतुष्ट
मामले में पुलिस चौकीदार नरेंद्र राम के खिलाफ 363,376 (2) ( L), 342 ipc , 5,6,9,10 पॉस्को एक्ट तथा दूसरे मामले में चौकीदार नरेंद्र राम व केयरटेकर राजेश राम के खिलाफ 354 का अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।वहीँ जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा विनोद पैंकरा को निलंबित किया गया था जिसके बाद मामले में क्लीन चिट देकर उन्हें फिर से बहाल कर दिया गया।
सुचना पंजी में कूटरचना का था मामला
इधर डीएमसी के बाद एपीसी पर हुई निलंबन कार्यवाही के बाद मामले में नए तथ्य सामने आए थे।संयुक्त संचालक द्वारा दिव्यांग 06 बालिकाओं के साथ अमानवीय व्यवहार के संबंध में 28 सितम्बर को जाँच एव निरीक्षण किया गया। जिसमें पाया गया कि डीएमसी ने सुचना पंजी में रायपुर जाने का उल्लेख कर प्रशासनिक प्रभार राजेश अम्बष्ट सहायक कार्यक्रम समन्वयक समावेशी शिक्षा राजीव गांधी शिक्षा मिशन जशपुर मूल पद (शिक्षक (एल.बी) को सौंपा था।जिसके अनुसार जिला परियोजना समन्वयक,राजीव गांधी शिक्षा मिशन जशपुर के प्रशासनिक प्रभार में रहे राजेश अम्बष्ठ के द्वारा घटना दिनांक 22.09.2021 को रात्रि में घटित होने के बाद दिनांक 23.09.2021 को दिव्यांग केन्द्र में उपस्थित नहीं होना उनके कार्य शैली को लापरवाही एवं उदासीनता को दर्शाता है। साथ ही इनके द्वारा जिला परियोजना समन्वयक जशपुर के सूचना पंजी में सूचना क्रमांक 16 में हस्ताक्षर के नीचे अंकित दिनांक 22.09. 2021 को कूटरचना कर दिनांक 23.09.2021 बनाया गया है।जिसमें एपीसी पर कार्यवाही करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
साक्ष्य छुपाने,घटना पर पर्दा डालने वालों पर कार्यवाही कब ?
उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के जिले के एसपी विजय अग्रवाल ने तत्काल कार्यवाही करते हुए दो आरोपियों को जेल भेज दिया था वहीँ मामले में विवेचना के बाद दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की बात उन्होंने कही थी।दरअसल नाबालिग बच्चों से जुड़े इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए जवाब माँगा था।परिजनों ने बताया कि जिला पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान,साक्ष्य छुपाने,घटना पर पर्दा डालने समेत उक्त मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर जाँच नहीं की गई जिसको लेकर उन्होंने मांग की है कि तत्काल दोषी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही किया जाना पीड़ित बच्चों के साथ न्याय होगा ।
पूर्व मंत्री गणेश राम भगत भी धरने पर
मामले में पीड़ित बच्चों के परिजनों के साथ पूर्व मंत्री गणेश राम भगत भी कार्यवाही की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा है कि जिस हैवानियत को छिपाकर दोषियों को बचाने की कोशिश की गई है वह शर्मनाक है।उन्होंने डीएमसी व अन्य जिम्मेदारों पर कार्यवाही न होने पर बड़े आन्दोलन की बात कही है।
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