... शोक समाचार : जशपुर SP विजय अग्रवाल के पिता श्रद्धेय दाऊ आनंद का निधन,गोल्ड मेडलिस्ट रहे दाऊ आनंद ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए निभाई थी अहम् भूमिका,संसदीय सचिव यू.डी. मिंज भी उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे दी श्रद्धांजलि

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शोक समाचार : जशपुर SP विजय अग्रवाल के पिता श्रद्धेय दाऊ आनंद का निधन,गोल्ड मेडलिस्ट रहे दाऊ आनंद ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए निभाई थी अहम् भूमिका,संसदीय सचिव यू.डी. मिंज भी उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे दी श्रद्धांजलि

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,05 जनवरी 2022

BY योगेश थवाईत 

जशपुर एसपी विजय अग्रवाल के पिता दाऊ आनंद का आज लगभग 75 साल की उम्र में सुबह बालाजी अस्पताल में निधन हो गया । वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे ।जिनका आज महादेघाट रायपुर में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। उनके अंतिम संस्कार में छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव यू.डी. मिंज पहुँच कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

संसदीय सचिव यूडी मिंज ने बताया कि

एसपी विजय अग्रवाल के पिता आनंद अग्रवाल को यहाँ के लोग दाऊ के नाम से सम्मानित करते हुए  दाऊ आनन्द के नाम से पुकारते थे।वे छत्तीसगढ़ राज्य के संघर्ष पुरुष और प्रणेता रहे हैं। उन्होंने अपना सर्वस्य जीवन धन सृजनशील छत्तीसगढ़ राज्य की कल्पना ,स्थापना और निर्माण के लिए समर्पित किया और 1974 से दिल्ली ,भोपाल और रायपुर में निरंतर जय छत्तीसगढ़ के लिए अखंड धरना देकर राज्य निर्माण की मांग की ।

वे एक  उच्च शिक्षित शालीन व्यक्ति थे उन्होंने एलएलबी किया ,वे गोल्डमेड़लिस्ट भी रहे । छत्तीसगढ़ निर्माण के संघर्ष शील नेताओं के पहले क्रम के नेताओं में माने जाते थे लेकिन उनकी पहचान एक किसान नेता के रूप में रही है। सभी समाज के लोंगो के बीच गहरी पैठ होने के कारण वे सर्वमान्य थे और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए लोगों को जोड़ कर चले और राज्य निर्माण कराने के उपरांत ही रुके।

संसदीय सचिव ने बताया कि दाऊ आनंद ने छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए सरदार सुरजीत सिंह बरनाला को छत्तीसगढ़ आमन्त्रित किया और फिर उन्होंने राज्य निर्माण के लिए सहमति भरते हुए उन्हें सहयोग का आश्वासन भी दिया। उसके पश्चात सरदार सुरजीत सिंह बार बरनाला ने उन्हें दिल्ली बुलाकर प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से मिलवाकर उनसे छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए हामी भी भरवा ली अन्ततः नए बने तीन राज्यों में  छत्तीसगढ़ भी नया राज्य के रूप में शामिल हुआ। गौरतलब है कि मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के जीवित संघर्षशील पुरषो में दाऊ जी ही है और इनका संघर्ष ,त्याग और समर्पण अद्वितीय रहा है ।

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