... श्रद्धांजलि : "वेदना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला लो" ,एक छात्र,वकील,समाजसेवी,एक पत्रकार से लेकर सबकी "वेदना में संवेदना" भरने वाले काव्यश्री "विश्वबंधु शर्मा,अनिकेत " एक जिंदादिल इंसान को जानें बेहद करीब से, 4 जनवरी को जशपुर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम .......

Ro no12947/13

Ro no12947/13

पत्रवार्ता में अपनी ख़बरों के लिए 9424187187 पर व्हाट्सप करें

श्रद्धांजलि : "वेदना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला लो" ,एक छात्र,वकील,समाजसेवी,एक पत्रकार से लेकर सबकी "वेदना में संवेदना" भरने वाले काव्यश्री "विश्वबंधु शर्मा,अनिकेत " एक जिंदादिल इंसान को जानें बेहद करीब से, 4 जनवरी को जशपुर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम .......

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,03 जनवरी 2022

BY योगेश थवाईत 

" टूटा जो अपना दिल तो बताने नहीं गया, मैं फिर कहीं किसी भी ठिकाने नहीं गया,

  हर चोट दिल के ज़ख़्म में तब्दील हो गए,मरहम मगर मैं,इनपे लगाने नहीं गया...| " 

विश्वबंधु शर्मा 'अनिकेत' की इन पक्तियों के साथ उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि 

अविभाजित मध्यप्रदेश शासनकाल में अपने छात्र जीवन से बौद्धिक क्षमताओं के साथ जशपुर को एक सफल सामाजिक नेतृत्व के रुप में विश्वबंधु शर्मा "अनिकेत" मिला जो छत्तीसगढ़ गठन के बाद जशपुर जिले में सतत सामाजिक,सांस्कृतिक,राजनैतिक व पत्रकारिता के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करता चला गया।अपनी धारदार कलम से न केवल उन्होंने जशपुर के पिछड़ेपन को विश्वपटल पर स्थापित कियाबल्कि यहाँ के सामाजिक सरोकार व समस्या से समाधान तक का हर संभव प्रयास उन्होंने किया28 दिसंबर 2021 को वह दैदीप्यमान सूर्य अस्त हो गया जिसके बाद से सबके जीवन में संवेदना भरने वाले विश्वबंधु ने अपनी वेदना से सबको व्यथित करते हुए झकझोर कर रख दिया।यह पूरे जिले के लिए अपूर्णीय क्षति है जिसे भर पाना असंभव है।04 जनवरी 2022 का दिन उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का है।आप भी पंहुचे और ऐसे दिव्यात्मा को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करें।

विश्व बंधु शर्मा "अनिकेत" एक परिचय

माता- ब्रम्हलीन श्रीमती शारदा देवी 

पिता- स्व. श्री शिवकुमार पांडेय 

पत्नी श्रीमती ललिता शर्मा,पुत्र - सिद्धांत शर्मा ,पुत्री - मुदिता शर्मा 

जन्म तिथि 26-05-1975 जन्म स्थान- कांसाबेल, जिला- जशपुर (छ.ग.) 

स्थायी पता - सर्वेश्वरी सदन, कॉलेज रोड, जशपुर नगर, जिला- जशपुर (छत्तीसगढ़)

शिक्षा- एम.ए. अर्थशास्त्र, एल.एल.बी।

यूँ तो हर पत्रकार का जीवन उपलब्धियों से संघर्षों से भरा होता है।स्वर्गीय विश्वबंधु शर्मा ने अपने अल्प जीवनकाल में समाज को हमेशा आलोकित करने का श्रेष्ठ कार्य किया।छात्र जीवन से ही नेतृत्व क्षमता के साथ उन्होंने समाजहित में कई कार्य किए।अपने बौद्धिक जीवन में उन्होंने साहित्य के साथ काव्य की विधा को जीवंत रखते हुए सांस्कृतिक छटा के साथ उसे समाज के सामने स्थापित किया।जिसमें कुछ इस प्रकार हैं।

काव्य संकलन "उन्मेष" का संकलन, लेखन एंव प्रकाशन ।

जशपुर जिले के सांस्कृतिक,ऐतिहासिक एवं पर्यटन पर आधारित पहला साहित्य संकलन "यशस्वी संभाव्य जशपुर" का संकलन एंव लेखन।

जशपुर जिले के शहीद हुए जवानों की जीवनी “जरा याद करो कुर्बानी"का संकलन, लेखन एंव संपादन ।

जिला प्रशासन द्वारा प्रकाशित वार्षिक विशेषांक में संपादकीय एंव लेखन कार्य । 

साहित्यिक गतिविधियों में सक्रियता के लिए छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग द्वारा सम्मान।

समाज सेवा, कविता एंव गद्य लेखन, पत्रकारिता, रक्तदान एंव रक्तदान के प्रति लोगों को प्रेरित करना, अंधविश्वास उन्मूलन एवं मानसिक रोगों के प्रति समझ विकसित करने कार्य ।

जिले के प्रबुद्ध वर्ग के साथ "संवेदना एक सार्थक पहल की स्थापना" कर सतत समाजसेवा,गरीब,असहाय,रोगियों का सेवाकार्य।

इसके अलावा स्वर्गीय विश्वबंधु शर्मा ने छत्तीसगढ़ के ५ जिलों में राज्य साक्षरता मिशन एंव राज्य संसाधन केंद्र के स्रोत व्यक्ति के रूप में साक्षरता एंव व्यक्तित्व विकास तथा पंचायत क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं में प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षण कार्य में अपनी सहभागिता निभाई।

छ.ग. संभागीय पत्रकारिता अधिमान्यता समिति के सदस्य के रूप में मनोनयन के साथ कार्य करने का गौरव उन्हें प्राप्त हुआ।

जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर में अधिवक्ता के रूप में तीन वर्ष तक उन्होंने कार्य किया।

2008 से लम्बे समय तक दैनिक जागरण समूह एवं नई दुनिया दैनिक अखबार सहित विभिन्न समाचार पत्र व पत्रिकाओं के संपादकीय विभाग में कार्य। 

छत्तीसगढ़, झारखंड एवं उड़ीसा में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में प्रतिनिधित्व के साथ राष्ट्रीय कवि संगम जशपुर में सक्रिय सहभागिता के साथ काव्य की विधा को सतत जीवंत रखने का कार्य।

ग्राउंड जीरो ई न्यूज पोर्टल के माध्यम से जिले की समस्याओं को समाज व शासन प्रशासन के सामने लाकर उनके समाधान का प्रयास करना उनकी प्रतिभा का हिस्सा था ।

28 दिसंबर को ऐसे दिव्यात्मा ने हम सबसे विदाई ले ली और चीरकाल के लिए बैकुंठ की ओर अग्रसर हो गए।निश्चित ही यह अपूर्णीय क्षति है।तमाम राजनैतिक संगठन के जनप्रतिनिधियों,पत्रकारों,समाजसेवियों के साथ विभिन्न संगठनों व विभाग के लोगों ने स्वर्गीय विश्वबंधु के निधन पर गहरा दुख जताया है और अपनी संवेदना प्रकट की है।

जिले के प्रबुद्ध वर्ग द्वारा भाव संवेदना के कुछ अंश आपके सामने हैं

काव्य संगम के मनव्वर अशरफ़ी लिखते हैं

आज जशपुर साहित्य ने अपने बेशकीमती हीरे को खोया है | एक ऊर्जावान और कर्मठ पत्रकार ने पत्रकारिता की दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया | हमें अब भी यक़ीन नहीं कि जन-जन की आवाज़ तहरीर करने वाले मसीहा, एक ज़िंदादिल और मो’तबर कवि हमारे बीच से उठकर चले गए | बेशक, इस नुकसान की भरपाई करना असंभव है | अपनी ज़िंदगी की तमाम उलझनों की तस्वीर बयाँ करते हुए कभी आपने कहा था --- 

"अनिकेत ने ख़रीदी ख़ुशी अश्क बेचकर,

 रोया, मगर किसी को रूलाने नहीं गया |" 

वाह...!  इन मिसरों का सहारा लेकर क्या ख़ूब कहा आपने | आपकी ख़ुद्दारी को बारंबार सलाम | काश! आज एक अप्रैल होता | काश! सहसा कोई चिढ़ाते हुए कहता कि मुर्ख बनाया, बड़ा मजा आया | काश! आपके कॉल से मेरा मोबाइल बज उठता और आपकी मीठी आवाज़ मेरे कानों से टकराती | काश....!  एकदिन जाना तो हर शख़्स को है इस दुनिया को छोड़कर, पर आप इतने जल्दी चले जाओगे, मालूम नहीं था !  अभी-अभी तो हमने मिलकर जशपुर के साहित्य को परवान चढ़ाने का संकल्प लिया था ! और अभी-अभी आपके न होने की मनहूस ख़बर दस्तक दे बैठी | अदब की महफ़िल जब मुझसे सवाल करेगी कि मेरा लाडला बेटा विश्वबंधु कहाँ है, तो मैं उसे क्या जवाब दूँगा भइया.....? 

साहित्य घराने का एक लख़्त-ए-जिगर बेटा का इस दुनिया से अचानक रुख़सत हो जाना, मानो तमाम अदब-ओ-आबरू की महफ़िलें शैलाब-ए-गम के आगोश में आ गई हों | आप हमारे दरम्यान हमेशा ज़िंदा रहेंगे और हमारी धड़कनों के साथ कदमताल करेंगे...||   (मनव्वर अशरफ़ी)

जिले के प्रबुद्ध वर्ग से सतीश देशपाण्डे  निर्विकल्प लिखते हैं ...

अति, अति,अति दुःखद। 

यह भी कोई बात हुई !?! 

घोर अन्याय। 

विश्वबंधु  ..... जिसे मैंने विरासत सौंपी थी.. 

चला गया। 

कहाँ गया ' मेरे होने का एहसास ' 

श्रद्धांजलि। मेरे मित्र। 

तुम मुझे हमेशा  करते रहे...आज तुम्हें  मैं प्रणाम कर रहा हूँ, अंतिम प्रणाम।

हर वर्ग में अपनी अमिट छोड़ने वाले स्वर्गीय विश्वबंधु शर्मा अब हमारे बीच नहीं हैं वहीँ उनकी यादें उनके कार्य जिले के कई वर्ग के लिए आदर्श रुप में स्थापित हैं।संवेदना फाऊँडेशन व ग्राऊंड जीरो न्यूज के साथ उन्होंने जिले में मजबूत टीम तैयार की है जो सतत समाजसेवा की ओर अपना कदम बढ़ा रही है।उस दिव्यात्मा के साथ मिलकर कार्य करने का मजा ही कुछ और था।अपने दुखों को दरकिनार कर दूसरों की सेवा उनका पहला लक्ष्य रहा।निःस्वार्थ पत्रकारिता की उन्होंने अद्भुत मिसाल पेश की।

अपने पीछे उन्होंने एक पूरी टीम तैयार की हुई है जो हमेशा समाजसेवा के लिए आगे रहती है।बात करें उनके पारिवारिक पृष्ठभूमि की तो एक पुत्र सिद्धांत शर्मा 11वीं का छात्र है वहीँ पुत्री मुदिता सातवीं की छात्रा है।पत्नी श्रीमती ललिता शर्मा एक निजी स्कुल में शिक्षिका हैं।आज इस परिवार को हमारे संबल की जरुरत है आइये आपकी और हमारी संवेदना मिलकर इस परिवार की वेदना दूर कर सकती है।ऐसे दिव्यात्मा को शत शत नमन करें और ईश्वर से प्रार्थना करें कि शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करें।इस दुःख की घड़ी में हमें अपनी दृढ़ता और लगन के साथ उनके सिद्धांतों पर खरा उतरते हुए उनके अधूरे कार्य को मिलकर पूरा करना है।हम सभी एक दूसरे की हिम्मत हैं जिसे बरकरार रखना हम सबका कर्तव्य है।संवेदना को जीवंत रखते हुए उसे आगे बढ़ाना अनिकेत को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 


Post a Comment

0 Comments

जशपुर के इस गांव में उपजा धर्मांतरण का विवाद,जहां से हुई थी ईसाइयत की शुरुआत