जशपुर,टीम पत्रवार्ता,07 दिसंबर 2021
BY योगेश थवाईत
अपनी मांगों को लेकर अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने प्रदेशव्यापी महाधरना का निर्णय लिया है।प्रदेश की कांग्रेस सरकार की वादा खिलाफी,हठधर्मिता और सुपरवाजर भर्ती में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के कारण प्रदेश के एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता व सहायिकाओ मे आक्रोश व्याप्त है।आंगनबाड़ी संघ द्वारा पिछले एक साल से लगातार शासन का ध्यानकर्षण किये जाने के बावजूद मुख्यमंत्री,महिला बाल विकास मंत्री,संचालक सचिव के द्वारा अब तक उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया है न ही किसी भी स्तर से संघ के प्रतिनिधियो से कोई चर्चा के लिये बुलाया गया है।अब प्रदेश भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता व सहायिका अपना काम बंद करते हुए 10 से 16 दिसंबर तक एक सप्ताह के लिये रायपुर राजधानी में रात और दिन का महाधरना दिये जाने की तैयारी में हैं।
जशपुर जिलाध्यक्ष कविता यादव ने बताया कि प्रान्ताध्यक्ष सरिता पाठक व प्रान्तीय सचिव सुमन यादव रायपुर के निर्देशन में इस हड़ताल को व्यापक बनाने के लिये और संघो के प्रान्ताध्यक्षों से वार्त्तालाप चल रही है।शीघ्र उनका भी समर्थन प्राप्त हो जायेगा और रात दिन के इस महाधरना मे प्रतिदिन हजारो की संख्या मे महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिकाएं उपस्थिति दर्ज कराएंगी।इस बीच प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों के सभी कार्य ठप्प रहेंगे।
जशपुर से हजारों कार्यकर्ताओं ने महाधरना में रायपुर कूच करने की तैयारी कर ली है। जिला अध्यक्ष कविता यादव ने कहा कि यह निर्णायक आन्दोलन होगा जिसमें जशपुर जिले से बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका अपनी मांगों को लेकर महाधरना में जा रहे हैं।जशपुर जिले की तीनों विधानसभा जशपुर,कुनकुरी व पत्थलगांव विधायकों के ही निवास में वे रुकेंगे और भोजन भी वहीँ करने की बात उन्होंने कही है।
सरकार को मांगो की पूर्ति हेतु कार्यवाही करने और वार्त्ता के माध्यम से हल निकालने के लिये तीन माह का अवसर दिया गया था।इसके बाद भी शासन प्रशासन द्वारा अभी तक ना तो कोई वार्त्ता किया गया और नही कोई सार्थक पहल की गई।संघ द्वारा लगातार सुपरवाईजर के रिक्त पद को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से वरिष्ठता क्रम मे लिये जाने हेतु लगातार निवेदन किये जाने के बाद भी सेवा भर्ती नियम मे संशोधन नहीं किया गया। और इस हड़ताल के अवधि मे ही हठधर्मिता दिखाते हुये उम्र बंधन और परीक्षा का प्रतिबंध लगाकर अनुभवी और वरिष्ठ कार्यकर्त्ताओं को इससे वंचित रखे जाने से कार्यकर्त्ताओं मे असंतोष व्याप्त है परिणामतः अब आन्दोलन के अगले चरण में महाधरना का फैसला लिया गया है।
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