जशपुर,टीम पत्रवार्ता,27 अक्टूबर 2021
BY योगेश थवाईत
जशपुर जिले के बगीचा में जनजातीय सुरक्षा मंच ने कुदरगढ़ी स्टील प्लांट समेत बाक्साईड खनन के विरोध में विरोध रैली का आयोजन किया।हजारों की संख्या में ग्रामीण व महिलाएं हाथों में डंडा लेकर सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करते दिखे।रैली का नेतृत्व जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने किया।रैली हाईस्कूल चौक से निकली जो बगीचा के मुख्य मार्ग से होते हुए बस स्टैंड बाजार डाँड़ पंहुची जहां रैली आमसभा में परिवर्तित हो गई।
देखिये जब गणेश राम ने कहा लत्तम जुत्तम वाली .....
VIDEO
पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में जमीनों के दलाल सक्रिय हैं जिनपर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।टाँगरगांव स्टील प्लांट,बाक्साईड खनन समेत तमाम वृहत जलाशय योजनाओं को तत्काल बंद करने की मांग उन्होंने की।
सरकार को घेरते हुए पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि जिस सरकार के कार्यकर्ता लत्तम जुत्तम और सिर फुटव्वल जैसी लड़ाई करते हैं।जो सरकार अपने कार्यकर्ताओं को नहीं सम्हाल पा रही वह आम जनता का ख्याल कभी नहीं रख सकती।हमारी उद्योग विरोधी मांगों को जो सरकार अनसुना कर रही है।ऐसी नाकारा सरकार को अब बदलना पड़ेगा।जिले के पत्रकार स्वतंत्र होकर सच को सामने लाने का काम कर रहे हैं।उनके खिलाफ सरकार के नुमाइंदे एफआईआर दर्ज करा रहे हैं।गणेश राम भगत ने साफ शब्दों में कहा कि यहां के पत्रकारों को डरने की जरुरत नहीँ है,हर लड़ाई में जनजातीय सुरक्षा मंच जिले के पत्रकारों के साथ है।उन्होंने पत्रकारों से अपील की है कि पत्रकार लगातार जिले के मुद्दों को समस्याओं को बेखौफ़ होकर सामने लाने का कार्य सतत करते रहें।
अंधाधुंध बिजली बिल बड़ी समस्या
पूर्व मंत्री ने अनाप शनाप बिजली बिल को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि जो भी ग्रामीणों को बिजली बिल दिया जा रहा है उसकी जांच करके विधिवत बिल दें।हजारों लाखों का बिजली बिल देकर ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि यहां के ग्रामीणों के सामने बिजली बिल का भुगतान बड़ी समस्या है।अचानक अंधाधुंध बिजली बिल वसूलकर गरीब जनता का शोषण करना ठीक नहीं।
जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार पर सरकार का संरक्षण।
बीते दिनों जशपुर के जिला अस्पताल में 12 करोड़ के बंदरबाट मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है जिसको लेकर पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि भ्रष्टाचारियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है जिसके कारण अब तक उनपर कानूनी कार्यवाही नहीं हुई है।वहीं दिव्यांगों से दुष्कर्म मामले में अब तक विभागीय अधिकारी पर एफआईआर नहीं हुआ है जिसको लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों को संरक्षण देकर शासन प्रशासन अपनी गलत मानसिकता का परिचय दे रहे हैं।तत्काल उक्त मामलों पर शासन प्रशासन कार्यवाही करे अन्यथा बड़ा आंदोलन होगा।
नयुराम भगत ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा फैक्ट्री,खदानों से डरे और सहमे हुए भाइयों और बहनों इन दिनों जशपुर जिले में लौह उद्योग,फैक्ट्री व बाक्साईड खदान को लेकर पुरे जशपुर जिले में दहशत का माहौल है।गांव उजड़ेंगे,खेत खलिहान उजड़ जाएंगे, आज हम सबके एकजुट होकर विरोध के स्वर को तेज करने की आवश्यकता है।
श्रवण चौहान ने सभा को संबोधित करते हुए शासन प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि टाँगरगांव में स्टील उद्योग लगाने का बड़ा षड्यंत्र किया जा रहा है।कृषि भूमि को बंजर बताकर उद्योग स्थापना का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि यहां हो रही गलतियों को, षड्यंत्र को शासन प्रशासन और नेता लगातार अनसुना कर रहे हैं।इसका भयंकर दुष्परिणाम सामने आ सकता है।आज हर ग्रामीण आक्रोशित है।जोश के साथ होश में रहते हुए हाथों में डंडा लेकर हम संघर्ष करते रहेंगे।जोश न ठंडा होने पाए कदम मिलाकर चल,मंजिल तेरे पग चूमेगी,आज नहीं तो कल का नारा देते हुए उन्होंने सतत संघर्ष की बात कही।
जनजातीय सुरक्षा मंच के उपाध्यक्ष चंद्रदेव ग्वाला ने साफ शब्दों में कहा कि जल,जंगल,जमीन हमारा है।इसे उद्योगपतियों के हाथों में नहीँ जाने देंगे।किसी भी हालत में यहां उद्योग की स्थापना होने नहीं देंगे।
जशपुर को नहीं होने देंगे बरबाद
हितरक्षा प्रमुख रामप्रकाश पांडेय ने प्रदेश की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उद्योगपति सरकारी पट्टे की जमीन औने पौने दाम पर खरीद रहे हैं।उन्होंने पाठ क्षेत्र के पहाड़ी कोरवाओं की सैंकड़ों एकड़ जमीन की फर्जी रजिस्ट्री की बात कही।उन्होंने जनजातीय सुरक्षा मंच के आंदोलन के माध्यम से मंत्री अमरजीत भगत के बेटे द्वारा खरीदे गए जमीन को वापस दिलाए जाने का उदाहरण दिया।उद्योगों की स्थापना को लेकर उन्होंने कहा कि जब ग्राम सभा नहीं हुई,ग्राम सभा का प्रस्ताव नहीं लिया गया तो किस कानून के तहत उद्योग की स्थापना की जा रही है।
रामप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि जिले में पेशा कानून लागू है जिसके क्रियान्वयन की आवश्यक्ता है।जिले के सरपंच, विधायक,सांसद सभी आदिवासी हैं और यहां आदिवासी हितों की रक्षा के लिए पेशा कानून का क्रियान्वयन शासन प्रशासन को करना चाहिए।
पूर्व मंत्री ने समापन उद्बोधन में कहा कि जशपुर के आदिवासी उद्योगों के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे वहीँ पहाड़ी कोरवा बीमार हैं,भूखे हैं और सरकार आदिवासी नृत्य का आयोजन करा रही है जो सरकार की असंवेदनशीलता को प्रदर्शित करती है।
0 Comments