जशपुर,टीम पत्रवार्ता,29 सितंबर 2021
BY योगेश थवाईत
जशपुर में नाबालिग निःशक्त छात्राओं से हुए दैहिक शोषण के मामले को शासन प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और लगातार कार्यवाही हो रही है।राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला परियोजना समन्वयक विनोद पैंकरा पर घटना को छुपाने के आरोप के साथ निलंबित किया गया वहीँ संयुक्त संचालक की जाँच में दोषी पाए जाने पर यहाँ पदस्थ एपीसी राजेश अम्बष्ट को भी तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
मामले में कल अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह जशपुर दौरे पर थे जहाँ उन्होंने दिव्यांग छात्रावास में पीड़ित बच्चों से मुलाकात कर उनका बयान लिया।उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि योग के द्वारा निष्पक्षता से मामले की जाँच की जाएगी।जो भी उक्त मामले में दोषी होगा उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
सुचना पंजी में कूटरचना कर बचने का प्रयास
इधर डीएमसी के बाद एपीसी पर हुई निलंबन कार्यवाही के बाद मामले में नए तथ्य सामने आ रहे हैं।संयुक्त संचालक द्वारा दिव्यांग 06 बालिकाओं के साथ अमानवीय व्यवहार के संबंध में 28 सितम्बर को जाँच एव निरीक्षण किया गया। जिसमें पाया गया कि डीएमसी ने सुचना पंजी में रायपुर जाने का उल्लेख कर प्रशासनिक प्रभार राजेश अम्बष्ट सहायक कार्यक्रम समन्वयक समावेशी शिक्षा राजीव गांधी शिक्षा मिशन जशपुर मूल पद (शिक्षक (एल.बी) को सौंपा था।जिसके अनुसार जिला परियोजना समन्वयक,राजीव गांधी शिक्षा मिशन जशपुर के प्रशासनिक प्रभार में रहे राजेश अम्बष्ठ के द्वारा घटना दिनांक 22.09.2021 को रात्रि में घटित होने के बाद दिनांक 23.09.2021 को दिव्यांग केन्द्र में उपस्थित नहीं होना उनके कार्य शैली को लापरवाही एवं उदासीनता को दर्शाता है। साथ ही इनके द्वारा जिला परियोजना समन्वयक जशपुर के सूचना पंजी में सूचना क्रमांक 16 में हस्ताक्षर के नीचे अंकित दिनांक 22.09. 2021 को कूटरचना कर दिनांक 23.09.2021 बनाया गया है।जिसमें एपीसी पर कार्यवाही करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निरीक्षण में सामने आया यह तथ्य
राजेश अम्बष्ठ, सहायक कार्यक्रम समन्वयक समावेशी शिक्षा राजीव गांधी शिक्षा मिशन जशपुर के प्रभार के साथ जिला परियोजना समन्वयक के प्रशासनिक प्रभार में भी थे। उन्हें अपने तथा अधिनस्थों से समन्वयक स्थापित कर दिव्यांग बच्चियों के साथ अमानवीय व्यवहार में मदद एवं मानसिक प्रबलता प्रदान करना चाहिए था तथा उनके अभिभावकों को भी तत्काल सूचित किया जाना था। किंतु घटना की जानकारी स्वयं को अपने अधिनस्थों के माध्यम से होना बता कर उदासीन रवैया अपनाए रहे। उनका उस तरह का अमानवीय व्यवहार प्रथम दृष्टया उनके पदीय दायित्वों में सन्निष्ठ एवं कर्त्तव्य परायण न रहने व अनुशासनहीनता तथा शासकीय कर्यों के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है।
पुलिस विवेचना में बनेंगे आरोपी .?
उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के एसपी विजय अग्रवाल ने तत्काल कार्यवाही करते हुए दो आरोपियों को जेल भेज दिया है वहीँ मामले में विवेचना जारी है।दरअसल नाबालिग बच्चों से जुड़े इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए जवाब तलब किया है।जिला पुलिस द्वारा मामले में अन्य दोषियों पर भी कर्यवाही की बात कही जा रही है।
एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि विवेचना के दौरान,साक्ष्य छुपाने,घटना पर पर्दा डालने समेत उक्त मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर विवेचना की जा रही है।जो भी दोषी होंगे उनपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
0 Comments