जशपुर,टीम पत्रवार्ता,22 सितंबर 2021
BY योगेश थवाईत
स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र स्वर्गीय युध्दवीर सिंह जूदेव ने अपने जीवनकाल में ऐसे नेता खड़े किए जिन्होंने अंतिम समय तक उनका साथ दिया।तख्तों ताज की परवाह किए बिना उन्होंने अपने दम पर नए नए कीर्तिमान स्थापित किए।आज उनकी अंतिम यात्रा है जिसमें शामिल होने के लिए पक्ष विपक्ष के बड़े नेता से लेकर गांव गरीब किसान तक एकजुट हो रहे हैं।
जिला कलेक्टर महादेव कावरे ने बताया कि शासन से प्राप्त निर्देशो के अनुसार माननीय स्वर्गीय युध्दवीर सिंह जूदेव का अंतिम संस्कार पुरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।उन्हें सीएएफ के द्वारा गॉड ऑफ ऑनर दिया जाएगा और ससम्मान विदाई दी जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार स्वर्गीय युध्दवीर सिंह जूदेव के अंतिम यात्रा में छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री अमरजीत भगत मंत्री,पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर,बृजमोहन अग्रवाल,रामविचार नेताम,विधायक शिवरतन शर्मा,प्रेमप्रकाश पांडेय,सांसद रेणुका सिंह,गोमती साय,अरुण साव,जी आर अजगले,नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक,विधायक नारायण चंदेल,अकलतरा विधायक सौरभ सिंह,बेलतरा विधायक रजनीश कुमार,पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी,प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय,राजा रणविजय सिंह जूदेव पूर्व मंत्री रामसेवक पैंकरा,गणेश राम भगत ,ननकीराम कंवर समेत अन्य नेता,मंत्री शामिल होने के लिए जशपुर पंहुच गए हैं।
स्वर्गीय जूदेव के मार्मिक क्षण जशपुरांचल से
जब युद्धवीर घर में कोई कार्यक्रम करते थे तो माता माधवी देवी और भतीजा शौर्य प्रताप हमेशा साथ रहते थे बन्नी बेबी की जन्मदिन हो या फिर एनिवर्सरी सभी कार्यक्रम में शामिल रहते थे।जब किसी कार्यक्रम में पूरा परिवार साथ होता था तब पूरे घर में रौनक आ जाती थी ।
बहु संयोगिता और परिवार के साथ इस बार उन्होंने करवाचौथ और दीवाली धूमधाम से मनाई थी उनकी 6 साल की बेटी बेबी बन्नी साहिबा के जन्मदिन पर भी युद्धवीर पूरे परिवार के साथ मे थे और इस बार उनके करीबी दोस्तों संग अपना आखरी शादी की सालगिरह भी मनाया था । युद्धवीर अक्सर अपने फेसबुक साइड पर हर कार्यक्रम की तस्वीरों को शेयर करते थे और उनके प्रशंसकों तक साझा करते थे ।
बचपन से हथियारों के शौकीन थे लिटिल जूदेव
जब युद्धवीर ने विदेशी राइफल खरीदी थी तब उन्होंने जानकारी देते हुए अपने प्रशंसकों को बताया था कि यह राइफल पूरे भारत में सिर्फ 500 लोगों के पास ही है और इसका एक पीस मेरे पास है और इसकी लागत लाखों की है।
बचपन में जब उनके पिताजी केँ साथ शिकार में निकलते थे तब वे अक्सर रनपुर की ओर आते थे और कुमार साहब और युद्धवीर के सहित परिवार वालों की रनपुर सबसे पसंदीदा जगह थी वे परिवार के साथ आते थे उस समय युद्धवीर 10 साल के थे और वे अक्सर खेत में बच्चों के साथ नजर आते थे रनपुर से कुमार साहब के साथ युद्धवीर का बहुत गहरा नाता था इसके बाद अब शौर्य बाबा के भी बड़ा गहरा नाता रहा है शौर्य आज भी रनपुर के प्रति काफी स्नेह प्रकट करते हैं। और उनके मित्र के साथ बार बार आते हैं।
बहुरानी को देख गोमती साय भी रो पड़ीं
जब पार्थिव शरीर को एयर एंबुलेंस से उतार कर नीचे रखा गया उसके बाद युद्धवीर की धर्म पत्नी संयोगिता उनकी बेटी बेबी बन्नी साहब उनके साले राजा बाबा एम्बुलेंस से उतरे की सबकी निगाहें उनपर टिकी रहीं विशेष कर बहुरानी संयोगिता जूदेव पर सभी की गहरी निगाहें थीं।
उनकी स्थिति परिस्थिति संभालने गोमती साय तुरंत उनके पास पहुंच गईं जिसके बाद बहुरानी संयोगिता ने फफक कर रो पड़ीं उनकी मुँह ताकतीं उनकी इकलौती बेटी भी रोती हुई प्लेन से उतरी की गोमती साय ने दोनों को अपने बाहों में ले लिए यह नजारा इतनी दुखदाई था कि बड़े दिग्गज के चेहरे भी मायूस हो गए और सभी भावुक होकर इस दृश्य को देखते रहे । यहां का माहौल इतनी गमगीन हो गई कि हर कोई के आंसू निकल आये ।
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