जशपुर,टीम पत्रवार्ता,25 सितंबर 2021
BY योगेश थवाईत
जशपुर दिव्यांगों से दुष्कर्म व छेड़छाड़ के सनसनीखेज मामले में समग्र शिक्षा के जिला मिशन समन्वयक की घोर लापरवाही सामने आई है हांलाकि अब तक शासन प्रशासन के द्वारा जिला समन्वयक विनोद पैंकरा पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।वहीं कलेक्टर महादेव कावरे व एसपी विजय अग्रवाल की सक्रियता से घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों पर कोतवाली पुलिस ने जुर्म दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
दिव्यांग हॉस्टल में बच्चों के यौन उत्पीड़न मामले में 1 दिव्यांग बच्ची से दुष्कर्म,मारपीट व 5 दिव्यांग बच्चियों से छेड़छाड़ , मारपीट के आरोप में केयर टेकर व चौकीदार को गिरफ्तार किया गया है।
मामला जशपुर कलेक्ट्रेट, कोतवाली और रणजीता स्टेडियम से मात्र 100 मीटर दूरी पर स्थित नगर के हृदयस्थल का है।जहां दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र में सुरक्षा व्यवस्था को ताक में रखते हुए यहां के कर्मचारियों ने इस घिनौने कृत्य को अंजाम दिया।
जिला खनिज न्यास निधि द्वारा संचालित दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र का संचालन जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा द्वारा किया जाता है।सबसे खास बात ये कि घटना 22 सितंबर को रात्रि 11 बजे की है जबकि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी मिशन समन्वयक द्वारा घटना की जानकारी न तो पुलिस को दी गई न ही जिला प्रशासन की सूचित किया गया।
हॉस्टल अधीक्षक संजय राम ने बताया कि उन्होंने रात्रि में घटना के तुरंत बाद जिला समन्वयक विनोद पैंकरा को पूरी जानकारी दी थी इसके बावजूद उन्होंने एफआईआर कराने का निर्देश नहीँ दिया।जब पत्रवार्ता के माध्यम से मामले की जानकारी कलेक्टर महादेव कावरे को हुई तो उन्होंने एसपी को जांच का निर्देश दिया।
बहरहाल यौन उत्पीड़न की इस घटना पर एसपी विजय अग्रवाल ने कलेक्टर की सूचना पर तत्काल घटना की रात से ही बेहद गम्भीरता से महिला पुलिस अधिकारी एएसपी श्रीमती प्रतिभा पांडेय को जांच अधिकारी बनाया और कानूनी प्रक्रियाओं के तहत पीड़ित छात्राओं का बयान लिया ।
पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार इस दौरान जांच अधिकारी ने जिला समन्वयक विनोद पैंकरा से जानना चाहा कि यह संस्थान शासकीय है या अर्धशासकीय ? डीएमसी ने खुद को रायपुर में ट्रेनिंग लेने का हवाला देते हुए जवाब तक देना उचित नहीं समझा। इससे समझा जा सकता है कि मूक-बधिर बच्चों के प्रति जिला समन्वयक का रवैया क्या होगा ? यही वजह है कि इस लापरवाह अधिकारी के कारण पूरा सिस्टम सड़ चुका था और रक्षक ही भक्षक बन बैठे हैं।
उक्त दिव्यांग आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में 46 मूक-बधिर बच्चे दर्ज हैं जिनमें से 34 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। जिनमें से 14 छात्राएं हैं। लापरवाही की हद देखिए कि इस प्रशिक्षण केंद्र में एक महिला स्वीपर के अलावा शेष कर्मचारी व अधीक्षक पुरुष हैं।वहीं उक्त प्रशिक्षण केंद्र में 8वीं तक के बच्चों को रखने की अनुमति है जबकि डीएमसी ने नियमों से परे जाकर 9वीं के 6 बच्चों को छात्रावास में रखा।
महिला पुलिस अधिकारी प्रतिभा पांडेय ने मीडिया के सामने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि महिला स्वीपर की शिकायत पर पीड़ित दिव्यांग बच्चियों के बयान लिया गया जिसके आधार पर एक मामले में चौकीदार नरेंद्र राम के खिलाफ 363,376 (2) ( L), 342 ipc , 5,6,9,10 पॉस्को एक्ट तथा दूसरे मामले में चौकीदार नरेंद्र राम व केयरटेकर राजेश राम के खिलाफ 354 का अपराध भी दर्ज किया गया है।
अब देखना होगा कि गैर जिम्मेदार जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा विनोद पैंकरा पर शासन प्रशासन कब कार्यवाही करती है।
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