... विरोध : "लाठी डंडों" से लैस होकर "उद्योगों" के खिलाफ उठने लगे "बगावती सुर" "टाँगरगांव" के बाद अब "सरडीह" में ग्रामीण "लामबंद",हाथों में लाठी लेकर उठी आवाज "जल,जंगल,जमीन" हमारा है।पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा .....?

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विरोध : "लाठी डंडों" से लैस होकर "उद्योगों" के खिलाफ उठने लगे "बगावती सुर" "टाँगरगांव" के बाद अब "सरडीह" में ग्रामीण "लामबंद",हाथों में लाठी लेकर उठी आवाज "जल,जंगल,जमीन" हमारा है।पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा .....?

 

जशपुर,टीम पत्रवार्ता,23 अगस्त 2021

BY योगेश थवाईत

जशपुर जिले में कुदरगढ़ी स्टील प्लांट के विरोध के साथ टांगर गांव से शुरू हुई जल जंगल जमीन बचाने की मुहिम धीरे-धीरे पुरे जिले में फैलती जा रही है।कांसाबेल के टाँगरगांव के बाद अब बगीचा के सरडीह में उद्योगों की स्थापना का विरोध शुरु हो गया है। 21 अगस्त को बगीचा तहसील के ग्राम सरडीह में जल जंगल जमीन बचाव आंदोलन समिति के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत के नेतृत्व में हजारों की संख्या में ग्रामीण सरडीह पहुंचे।

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जहां एक विशाल सभा का आयोजन ग्रामीणों के द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम में ना केवल बगीचा सरडीह बल्कि टांगरगांव और लुण्ड्रा ब्लॉक के सिलसिला से भी लोग काफी संख्या में पहुंचे थे ।कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिला एवं पुरुष के हाथ में डंडे थे और उन्होंने संयुक्त रुप से जल जंगल जमीन बचाओ, न जान देंगे ना जमीन देंगे,ना लोकसभा ना राज्यसभा सबसे ऊंची ग्राम सभा के नारों के साथ आवाज बुलंद की।

अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए उक्त सभा को पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने संबोधित किया।उन्होंने कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं जशपुरांचल की सुंदर वादियों को धूल धुआं से प्रदूषित होने नहीं दूंगा।इसके लिए अगर मेरी जान भी जाए तो मैं तैयार हूं।

उन्होंने सरडीह के लोगों को मजबूत होकर टांगर गांव की तरह खड़े होकर उद्योगपतियों का मुकाबला अहिंसा के माध्यम से कानून के दायरे में रहते हुए करने की अपील की ।

अखिल भारतीय जनजातीय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने  आंदोलन में सभी ग्रामीणों को अपने साथ पारंपरिक लाठी भी रखने का आह्वान किया।लाठी रखने पर आपत्ति व्यक्त करने वालों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि लाठी आदिवासियों की पहचान है विभिन्न अवसरों पर आदिवासी लाठी का प्रयोग करते रहे हैं यह उनके जीने का आधार है।

पूर्व मंत्री ने कहा क्योंकि हम अपनी संस्कृति और परंपरा को बचाए रखने हेतु यह ऐतिहासिक आंदोलन कर रहे हैं ऐसे समय में हमें अपने हाथ में लाठी रखना आवश्यक है। और यह किसी भी तरह से गैरकानूनी नहीं है ।

साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान किया कि वे लाठी का प्रयोग किसी भी अन्य व्यक्ति पर नहीं करेंगे बल्कि वे अपनी संस्कृति एवं प्राण की रक्षा हेतु अपने साथ लाठी अवश्य रखेंगे ।

सभा को संबोधित करते हुए अधिवक्ता राम प्रकाश पांडे ने कहा कि जिले में उद्योगपतियों की निगाह पड़ी हुई है और वह साम दाम दंड भेद लगाकर हमारे सुंदर जसपुर के सुंदर वातावरण को बिगाड़ने का प्रयास काफी वर्षों से कर रहे हैं। इसी षड्यंत्र के तहत पिछले कुछ वर्षों से जिले में अवैध कटाई तथा जंगलों को जलाने की घटनाएं बढ़ी है ।और यह भी उद्योगपतियों की सोची समझी साजिश के तहत की जा रही है। उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान किया की वे जिले के जल जंगल और जमीन की रक्षा हेतु संकल्प लें कि वे कभी जंगलों को नहीं काटेंगे और ना ही किसी को काटने देंगे।

उन्होंने कहा कि पहले जंगल हमारे गांव में हुआ करते थे लेकिन आज गांव से जंगल दूर भागते जा रहे हैं और उसी का परिणाम है कि उद्योगपतियों की निगाह हमारे जशपुर की ओर पड़ रही है इसलिए जब तक जिले में जल जंगल जमीन सुरक्षित है तब तक कोई भी जिले के वातावरण को क्षति नहीं पहुंचा सकता है।

 

सभा को ग्राम टांगर गांव के उपसरपंच तपेश्वर सिंह यादव, श्रवण चौहान एवं ग्राम सिलसिला के संपत राम और चंद्रदेव ग्वाला ने भी संबोधित किया और उन्होंने बताया कि किस प्रकार से छल कपट कर उनके क्षेत्र में पेशा अधिनियम का उल्लंघन करते हुए उद्योग लगाने की साजिश रची गई है ।

लेकिन हमारी एकजुटता के कारण जिला प्रशासन के द्वारा 4 अगस्त को प्रस्तावित जनसुनवाई को निरस्त करना पड़ा है। इसी तरह सरडीह के लोगों को भी एकजुट रहना होगा सभा का संचालन रोशन प्रताप सिंह के द्वारा किया गया कार्यक्रम में अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के जिला अध्यक्ष नयु राम भगत राजू गुप्ता ,श्रीराम भगत सहित हजारों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि बगीचा तहसील के ग्राम सरडीह में माँ कुदरगड़ी एग्रो कम्पनी के कई एकड़  जमीन खरीदी गई है और ग्राम सरडीह में एथेनॉल फैक्ट्री लगाने के लिए ग्राम सभा से अनापत्ति मांगी गई थी जिसे ग्राम सभा ने निरस्त कर दिया है।

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