जशपुर/तपकरा,टीम पत्रवार्ता,10 अगस्त 2021
BY मुकेश नायक
जशपुर जिले में लगातार हो रहे हाथी के मौतों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।उल्लेखनीय है कि हाथी के आतंक से ग्रामीण काफी परेशान हैं और वे दहशत में जीने को मजबूर है।सरकार का हाथी कॉरिडोर सफेद हाथी बना हुआ है।वहीं लगातार मानव जीवन की क्षति के साथ जान माल का भी नुकसान हो रहा है।ऐसे में हाथी और मानव द्वंद स्पष्ट रुप से सामने परिलक्षित हो रहा है।
ताजा मामला है ग्राम तपकरा से लगे पंचायत अमडीहा का जहां एक हाथी की दर्दनाक मौत हो गई है।पत्रवार्ता को मिली जानकारी के अनुसार घटना आमडीहा पंचायत में हुई है,जहां बिजली के तार में फंसने के बाद करंट की चपेट में आने से हाथी की मौत हो गई है।
यहां के ग्रामीणों ने बताया कि देर रात गांव में स्थित पंचायत भवन के पीडीएस गोदाम में अनाज खाने के लिए हाथी आया था और भवन को तोड़कर पहले अनाज खाया और जब वह लौट रहा था तो वह नर्स क्वार्टर में बिजली के खंभे से आए हुए तार में फंस गया।
हाथी ने तार को अपने मुंह में लेकर तोड़कर अलग करना चाहा और तार हाथी के मुंह में आ गया जिससे वह करंट की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई है।
ग्रामीणों को घटना की खबर सुबह तब मिली जब बिजली करंट प्रभावित तार में उलझे हुए हाथी को मृत पाया गया। हाथी को देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण जुट गए। घटना की स्थिति को देखते हुए रात में हुए पूरे घटनाक्रम का अनुमान लगाया जा रहा है।
वन विभाग घटना की जांच में जुटा है। घटना ठीक नर्स क्वाटर के सामने हुई है। उल्लेखनीय है कि इसी क्षेत्र में एक और हाथी की मौत बिजली करंट की चपेट में आने से हुई थी।
सवाल यह भी उठता है कि क्या बिजली के तार इतने नीचे थे कि हाथी चपेट में आ गया। क्या यह बिजली विभाग की लापरवाही थी या विभागीय योजनाओं में कहीं न कहीं चूक सामने आ रही है।
जिसके कारण हाथी गांव के अंदर घुसने के लिए मजबूर हो रहे हैं। यह जांच का विषय है और वन आमला घटना की जांच में जुट गया है।
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