जशपुर,टीम पत्रवार्ता,08 जून 2021
BY योगेश थवाईत
जिला अस्पताल जशपुर में अधिकारीयों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।स्थानीय खजांची टोली में एक नाबालिग लड़की ने कुएं में कूदकर सुसाईड कर लिया।जिसके बाद युवती को 11 बजे के बाद जिला अस्पताल लाया गया जहाँ शव पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए मृतिका के परिजन कई घंटों तक परेशान होते रहे।एम्बुलेंस मिली तो ड्राईवर गायब और फिर काफी देर बाद ड्राईवर पंहुचा तो उसे पीएम के लिए चीरघर भेजा गया।जहाँ महिला चिकित्सक के न होने के कारण कई घंटो तक पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी।आपको बता दें कि जिला अस्पताल में पूर्व आरएमओ पर कथित भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद अनुरंजन टोप्पो को हटा दिया गया है और सारी जिम्मेदारी खुद सिविल सर्जन एफ खाखा देख रहीं हैं।इसके बावजूद नाबालिग युवती के पीएम के लिए महिला चिकित्सक को नहीं भेजना बड़ी लापरवाही है।
सिटी कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश ध्रुव ने पत्रवार्ता को बताया कि सुबह साढ़े 10 बजे के आसपास उन्हें सुचना मिली थी कि किसी नाबालिग लड़की ने कुएं में कूदकर ख़ुदकुशी कर ली है जिसपर मौका जाँच कर मृतिका को जिला अस्पताल लाया गया था जहाँ से शव पंचनामा के बाद पीएम के लिए युवती का शव चीरघर भेजा गया है।
लगभग ढाई बजे से चीरघर में मृत नाबालिग लड़की का शव पड़ा था तब तक केवल एक पुरुष चिकित्सक को जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा भेजा गया था।उल्लेखनीय है कि नबालिग लड़की के पीएम के लिए महिला चिकित्सक का होना अनिवार्य है इसके बावजूद सिविल सर्जन द्वारा कई घंटो तक महिला चिकित्सक को पीएम के लिए नहीं भेजा गया।जिसके कारण परिजन काफी देर तक परेशान होते रहे।
आपको बता दें कि परिजनो के द्वारा काफी देर तक जद्दोजहद करने के बाद लगभग पौने चार बजे के आसपास एक महिला चिकित्सक पंहुची जिसके बाद शव के पीएम की प्रक्रिया शुरू की जा सकी।
इस दौरान लगातार सीएस ऍफ़ खाखा से मोबाईल पर संपर्क करने की कोशिश की गई पर उन्होंने पहले तो फोन रिसीव नहीं किया और फिर जब रिसीव किया तो हेल्लो हेल्लो कहकर फोन काट दिया।
दरअसल जिला अस्पताल में लापरवाही का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले यहाँ पिछले दस दिनों से बड़े भ्रष्टाचार की जाँच चल रही है।जिसमें पहले तो यहाँ के आरएमओ अनुरंजन टोप्पो को यहाँ से हटाया गया और 5 सदस्यीय टीम मामले की जाँच कर रही है।इस दौरान इल स्पताल की व्यवस्था चरमराई हुई है अब तक यहाँ आरएमओ का प्रभार किसी अन्य को नहीं दिया गया है वहीँ सिविल सर्जन खुद जाँच मामले को सुलझाने में व्यस्त हैं।
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