जशपुर,टीम पत्रवार्ता,29 मई 2021
प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने वाले अधिकारीयों पर शासन स्तर से कार्यवाही किये जाने की खबर सामने आ रही है।जशपुर जिला चिकित्सालय में सीएस एफ खाखा और आरएमओ अनुरंजन टोप्पो के द्वारा पिछले दो वर्षों में बिना नियमों का पालन किये करोड़ों की फर्जी खरीदी को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए जाँच कराए जाने की बात कही है।
दरअसल जिला अस्पताल जशपुर में पदस्थ सीएस एफ खाखा और आरएमओ अनुरंजन टोप्पो के द्वारा पिछले दो वर्षों में हुई सभी खरीदियों में जमकर अनियमितता बरती गई है जिसमें क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया है और न ही किसी खरीदी की निविदा निकाली गई है।मनमाने तरीके से करोड़ों की खरीदी को लेकर जब भुगतान की फाईल आगे बढ़ी तो जिला चिकित्सालय के फर्जीवाड़े का मामला सामने आ गया।जिसे पत्रवार्ता ने प्रमुखता से उठाते हुए पूरा मामले को जिला प्रशासन के सामने रखा और कलेक्टर महादेव कावरे ने तीन सदस्यीय जाँच टीम बनाते हुए जांच कराने की बात कही थी।हांलाकि अब तक जिला प्रशासन ने पद में बैठे सीएस एफ खाखा और आरएमओ अनुरंजन टोप्पो(डीडीओ) को नहीं हटाया है।जिससे निष्पक्ष जाँच को लेकर सवाल उठने शुरु हो गए हैं और मामले में लीपापोती की आशंका व्यक्त की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पत्रवार्ता को बताया कि जशपुर जिला अस्पताल में पिछले दो वर्षों में बिना क्रय नियमों के करोड़ों की खरीददारी की जानकारी मिली है,जिमसें उचित माध्यम से जाँच कराई जाएगी,जाँच में दोषी पाए जाने पर कड़ी कर्यवाही की जाएगी।
उक्त मामले में जहाँ पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कार्यवाही न होने पर आन्दोलन की चेतावनी जिला प्रशासन को दी है वहीँ सांसद गोमती साय ने सीधे स्वास्थ्य मंत्री पर सवालिया निशान लगाते हुए जाँच की मांग की थी वहीँ बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की थी कि जिम्मेदारों को पहले पद से हटाया जाना चाहिए और मामले की उच्चस्तरीय जाँच की जानी चाहिए।
देखिये विष्णुदेव साय ने क्या कहा ..
वहीँ पूर्व विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव ने तथ्यों के साथ पुरे मामले की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री समेत जिला कलेक्टर महादेव कावरे से करते हुए उच्च स्तरीय जाँच की मांग है।
फिलहाल पत्रवार्ता की खबर पर जिला कलेक्टर महादेव कावरे ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जशपुर,जिला कोषालय अधिकारी जशपुर समेत लेखाधिकारी जिला पंचायत जशपुर को शामिल कर तीन सदस्यीय जाँच टीम गठित कर एक हफ्ते के अन्दर क्रय नियमों के अनुसार जाँच कर रिपोर्ट मांगी है। अब देखना होगा कि शासन प्रशासन जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारीयों को कब हटाती है और मामले में कब निष्पक्ष जाँच करती है।
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