जशपुर,टीम पत्रवार्ता,12 मई 2021
जिले में दिनों दिन कोरोना संक्रमण की रफ़्तार बनी हुई है।इसके बावजूद लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही।इस कोरोना के संक्रमण काल में जहाँ प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है वहीँ मनोरा जनपद के सीईओ गंभीर लापरवाही बरतते नजर आ रहे हैं।दरअसल जनपद कार्यालय में 10 लोगों के संक्रमित होने के बावजूद अन्य कर्मचारियों को सीईओ साहब ड्यूटी के लिए कार्यालय बुला रहे हैं।इतना ही नहीं साहब ने संक्रमितों के लिए भी फरमान जारी कर दिया और उन्हें घर में रहकर काम करने की बात कह डाली।
जिले के व्हट्सअप ग्रुप व् फेसबुक पर रोजगार सहायक जनपद मनोरा ग्रुप का स्क्रीन शॉट जमकर वायरल हो रहा है जिसमें सीईओ अनिल तिवारी की ओर से यह फरमान जारी किया गया है जिसमें उल्लेख है कि जो संक्रमित हैं वे होम आइसोलेशन में घर से काम करेंगे और बाकी जो पॉजिटिव नहीं हैं वे कार्यालय आकर नियमित काम करेंगे।
वहीँ कोरोना गाईडलाईन की बात करें तो घर में यदि कोई पोजीटिव आता है तो उस घर के सभी लोगों को प्रायमरी कोंटेक्ट में रखते हुए उनका टेस्ट कर उन्हें भी आइसोलेट रखा जाता है।अब ये बात सीईओ साहब को समझ नहीं आई और उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को तुगलकी फरमान सुनते हुए कार्यालय आकर काम करने का आदेश दे डाला।
इधर कोविड संक्रमित मरीज पहले ही मानसिक रुप से परेशान होता है उन्हें भी घर में रहकर काम करने का आदेश सीईओ साहब ने दे दिया।उन्होंने यह भी भी नहीं जानने की कोशिस की कि संक्रमित कर्मचारी काम करने की हालत में हैं या नहीं।
बहरहाल मामले में सीईओ अनिल तिवारी द्वारा अपनी सफाई देने की खबरें सामने आई हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके कहने का गलत मतलब निकालकर सोशल मिडिया पर वायरल किया जा रहा है।
बहरहाल मामला जो भी हो कर्मचारियों के सेहत स्वास्थ्य का ध्यान रखना अधिकारी की जिम्मेदारी है।हांलाकि सोशल मिडिया पर जो वायरल मैसेज है उसमे संक्रमण फ़ैलाने का जिम्मेदार सीईओ साहब को बताया जा रहा है।अब यह तो जाँच का विषय है कि आखिर जनपद के 10 कर्मचारी संक्रमित कैसे हो गए।
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