जशपुर,टीम पत्रवार्ता,31 मई 2021
BY योगेश थवाईत
जशपुर के राजा देवशरण जिला अस्पताल में पदस्थ सीएस एफ खाखा व आरएमओ डॉ अनुरंजन टोप्पो को बिना पद से हटाए जांच कराए जाने को लेकर सवाल उठने शुरु हो गए हैं।सोशल मीडिया पर निष्पक्ष जांच को लेकर तरह तरह के कमेंट आ रहे हैं वहीं मामले में लीपापोती की आशंका व्यक्त की जा रही है।इधर जिला कलेक्टर महादेव कावरे ने निष्पक्ष जांच कराए जाने की बात कही है। यदि सम्बंधित अधिकारी कर्मचारी जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो उनपर भी कार्यवाही की बात कलेक्टर ने कही है।
जोड़ तोड़ में लगे हैं आरएमओ व समिती के लोग
पुष्ट सूत्रों के अनुसार जिला चिकित्सालय जशपुर में पिछले 2 वर्षों में बिना क्रय नियमों के की गई करोड़ों की खरीददारी व बिल भुगतान को लेकर अब बचाव की तैयारी शुरु हो गई है।आनन फानन में कोटेशन की प्रक्रिया के साथ कुछ दस्तावेजों में सुधार किए जाने की खबर है।इसके बावजूद आपको बता दें कि जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार की जड़ें इस हद तक जमी हुईं हैं कि सही जांच हो तो परत दर परत सारे मामले सामने आ जाएंगे क्योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका नजर आ ही जाता है।
पूर्व मंत्री ने जांच टीम पर जताया संदेह
जशपुर जिला चिकित्सालय के भ्रष्टाचार की जांच के लिए कलेक्टर जशपुर द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय जांच कमेटी पर ही पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने सवाल उठाया है।उल्लेखनीय है कि जांच टीम में जिला पंचायत सीईओ केएस मंडावी,लेखाधिकारी जिला पंचायत ए सिन्हा व जिला कोषालय अधिकारी जीपी गिदुडे शामिल हैं।हांलाकि लेखाधिकारी व जिला कोषालय अधिकारी क्रय व तकनीकी मामलों के अच्छे जानकार हैं।अब सवाल इस बात को लेकर उठने लगे हैं कि लेखाधिकारी जिला पंचायत सीईओ के अधीन हैं ऐसे में क्या वे बिना दबाव के स्वतंत्र जांच कर पाएंगे।जांच के दौरान दोनों की स्वतंत्र राय हो सकती है।
सीएस,आरएमओ को पद से हटाकर कराएं निष्पक्ष जांच
पूर्व मंत्री ने कहा कि जिले के नागरिकों के स्वास्थ के विषय को लेकर इतना बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है और यदि इस भ्रष्टाचार का सही ढंग से खुलासा नहीं हुआ तो ऐसा अनैतिक कार्य निरन्तर जारी रहेगा और इससे जिले के नागरिकों का स्वास्थ्य गम्भीर रूप से प्रभावित हो सकता है।अतः जिला प्रशासन को ऐसी समिति का गठन करना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके ।इसलिए उक्त जांच टीम के साथ अलग अलग विभाग से निर्विवादित लोगों को शामिल कर इस मामले की जांच कराई जानी चाहिए ।
प्रारम्भिक जांच में दस्तावेजी साक्ष्य
आपको बता दें कि जिस 1 करोड़ 36 हजार 9 सौ 74 रुपए के भुगतान के प्रयास को लेकर दस्तावेज सामने आए हैं वह अपने आप ही जिला अस्पताल के भ्रष्टाचार को उजागर करने के साथ प्रमाणित भी कर रहे हैं।जब भुगतान में क्रय नियम आड़े अमे लगे तो जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारियों ने मुख्य लिपिक का प्रभार बदल दिया।इसके पहले भुगतान को लेकर मानसिक दबाव भी बनाया गया और मामला थाने तक जा पंहुचा था।बाद सवाल यह है कि शासकीय नोटशीट में जिन बिलों का उल्लेख है अगर वे बिल सही हैं तो आपने क्रय नियमों का पालन क्यों नहीं किया और अगर वे बिल गलत हैं तो आप फर्जी तरीके से शासकीय पैसे का आहरण करने का प्रयास कर रहे थे।हांलाकि जांच टीम इन सभी मामलों पर जांच करेगी।
2 वर्षों में 5 करोड़ से अधिक का भुगतान
इसके अलावा पिछले 2 वर्षों में जिला अस्पताल के सीएस कि आरएमओ अनुरंजन टोप्पो द्वारा अपने डीडीओ पावर का गलत तरीके से दुरुपयोग करते हुए विभिन्न फर्मों को पांच करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।जिसमें गहन जांच के बाद और भी बड़े भ्रष्टाचार का मामला सामने आ सकता है।पूर्व विधायक युध्दवीर सिंह जूदेव ने लिखित शिकायत कर मामले में जांच की मांग भी की है।
लिहाजा देखना होगा कि जांच टीम जशपुर के जनता की निगाहों में कितना खरा उतरती है।चूंकि मुद्दा लोगों के स्वास्थ्य से लोगों के जीवन से जुड़ा हुआ है।ऐसे में यहां हुए भ्रष्टाचार का पूरा खुलासा होना आवश्यक है।जिससे आने वाले दिनों में लोगों के स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ न कर सके।
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