... ब्रेकिंग पत्रवार्ता : "सांसद गोमती साय" ने "स्वास्थ्य मंत्री" को लिया आड़े हाथों जशपुर में "स्वास्थ्य अमले की लापरवाही और करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में तत्काल दोषियों पर कार्यवाही करें स्वास्थ्य मंत्री,इन अधिकारियों के खिलाफ लामबंद हुईं सांसद..

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ब्रेकिंग पत्रवार्ता : "सांसद गोमती साय" ने "स्वास्थ्य मंत्री" को लिया आड़े हाथों जशपुर में "स्वास्थ्य अमले की लापरवाही और करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में तत्काल दोषियों पर कार्यवाही करें स्वास्थ्य मंत्री,इन अधिकारियों के खिलाफ लामबंद हुईं सांसद..

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,27 मई 2021

जशपुर के जिला अस्पताल में बिना नियमों के करोड़ों की खरीददारी मामले में जांच शुरू हुई नहीं कि बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही ने 2 लोगों की जान ले ली।स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अब जिले का सियासी पारा उफान पर है।सांसद गोमती साय ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री पर सीधा सवाल खड़े करते हुए तत्काल कार्यवाही की मांग की है।करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले में कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जशपुर डॉ एफ खाखा व आरएमओ अनुरंजन टोप्पो को हटाते हुए मामले की जाँच व  लापरवाही के मामले में  बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ आरएन दुबे को हटाने की मांग सांसद गोमती साय ने की है 

क्या है मामला 

छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला इन दिनों अपने कारनामों से सुर्ख़ियों में बना हुआ है।स्वास्थ्य विभाग जशपुर में करोड़ों के फर्जीवाड़े का ताजा मामला सामने आया है जहाँ कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जशपुर के द्वारा पिछले दो वर्षों में बिना क्रय नियमों का पालन किये,बिना टेंडर करोड़ों की खरीददारी कर ली गई।कागजों में खरीददारी का आंकड़ा देखें तो 2019-20 व् 2020-21 में लगभग 109 फर्मों से 1 करोड़ 36 हजार 9 सौ 74 रूपए की खरीददारी स्वास्थ्य विभाग ने की है।हांलाकि अब तक इन सामग्रियों का भौतिक सत्यापन भी नहीं हो पाया है।और भुगतान को लेकर जद्दोजहद जारी है।मामले में सारा फर्जीवाडा तब सामने आया जब लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए चोरी छिपे इन खरीदी के भुगतान के लिए प्रयास शुरु हुआ।दस्तावेजों से पता चलता है कि कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जशपुर के द्वारा 2019-20 व् 2020-21 में जिला अस्पताल के लिए 1 करोड़ 36 हजार 9 सौ 74 रूपए की खरीददारी की गई।सबसे खास बात यह कि सिविल सर्जन के द्वारा अपनी क्षमता से अधिक खरीददारी की गई जिसमें न तो क्रय नियमों का पालन किया गया न ही क्रय समिति बनी,न ही टेंडर निविदा आमंत्रित की गई और न ही ख़रीदे गए सामग्री का भौतिक सत्यापन किया गया।

फिलहाल कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जशपुर की जिम्मेदारी डॉ एफ खाखा पर है वहीँ उनके सहयोगी के रुप में सीएस के आहरण संवितरण की जिम्मेदारी पिछले 8आठ वर्षों से आरएमओ डॉ अनुरंजन टोप्पो सम्हाल रहे हैं।जब तक सीएस व डीडीओ अधिकारी को हटाया नहीं जाता तब तक मामले की निष्पक्ष जाँच नहीं हो सकती।सांसद ने इन अधिकारीयों को हटाकर जाँच करे जाने की मांग जिला प्रशासन से की है

दूसरा मामला बगीचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का 

दरअसल 26 मई को सामरबार निवासी अनुग्रह यादव सड़क दुर्घटना में घायल हो गया,जान पहचान वाले उसे  बग़ीचा अस्पताल लेकर आये,पर अस्पताल क्या था पूरा खाली,यहां तक कि कंपाउंड से अस्पताल तक ले जाने वाले अटेंडर तक नहीं थेडॉक्टरों की बात छोड़ दीजिए,स्थानीय ग्रामीणों ने किसी तरह ड्रेसिंग रूम  पहुंचाया पर डॉक्टर अब भी अनुपस्थित थेअस्पताल से जब एम्बुलेंस की बात होने लगी तो अस्पताल में एम्बुलेंस भी नहीं न ही 108 यूँ किसी तरह प्राइवेट वाहन से उसे अम्बिकापुर ले जाया गया, पर अब मुश्किल यह थी कि उसमें ऑक्सीजन नही लग सकता था, मरीज को ऐसे ही अम्बिकापुर ले जाना मजबूरी बना और अम्बिकापुर पहुंचते घायल की मौत हो गयी

तत्काल दूसरी घटना भी सामने आई जब अनुग्रह अंदर ड्रेसिंग रूम में एक अदद डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की जरूरत के लिए तड़प रहा था, तभी कुटमा गांव से एक महिला को लाया गया जो बेहोश थी, अंदर उसके परिजन भी डॉक्टर डॉक्टर चिल्ला रहे थे, पर यहां भी वही हाल, बेहोश महिला ने अस्पताल कंपाउंड में 25 मिनट बाद में ही दम तोड़ दिया। जिसे बाद में हार्ड अटैक से मौत बता दिया गया

यहाँ बड़ा सवाल यही था कि अगर छुट्टी का दिन भी था तो क्या आपातकालीन ड्यूटी में कोई नहीं था यह जिम्मेदारी पूर्णतः बीएमओ की होती है कि वह अपने स्टाफ को कैसे नियंत्रण में रखता है।यदि अस्पताल में मरीज को सही समय पर सही इलाज नहीं मिलता है तो इसके लिए अस्पताल प्रबंधन के साथ बीएमओ पूर्ण रुप से  जिम्मेदार हैंयदि सही समय पर इन दोनों को ईलाज मिल जाता तो  दो लोगों की जान बच सकती थी

फिलहाल जिले में स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहाल है।लगातार कोविड के मामलों में भी लापरवाही देखने को मिली वहीँ अब बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है ।वहीँ जिले के स्वास्थ्य विभाग में मनमाने तरीके से काम किया जा रहा है जिसे लेकर सांसद गोमती साय ने जिला प्रशासन को व्यवथा दुरुस्त करने का अल्टीमेटम दिया है वहीँ स्वास्थ्य मंत्री से उन्होंने दोषियों पर कड़ी कर्यवाही की मांग की है

"सांसद गोमती साय ने पत्रवार्ता को बताया कि उनका प्रयास है कि जिला अस्पताल एक माडल बने जहाँ अच्छे चिकित्सक के साथ हर प्रकार की सुविधा मरीजों को मिले,इसके विपरीत यहाँ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है जिसमें उच्चस्तरीय जाँच होनी चाहिए और दोषियों पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए।कल की लापरवाही के कारण दो लोगों की जान चली गई जिसमें अस्पताल प्रबंधन की स्पष्ट लापरवाही सामने आई है इसपर तत्काल लापरवाह अधिकारीयों को हटाया जाना चाहिए।"

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