... सुनो सरकार : "सवालों "के घेरे में "भूपेश सरकार"....बड़ा सवाल - "अब महिलाएं कैसे बनेंगी "आत्मनिर्भर",जशपुर DEO के इस आदेश से मचा बवाल, अब बड़े आंदोलन की तैयारी.....?

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सुनो सरकार : "सवालों "के घेरे में "भूपेश सरकार"....बड़ा सवाल - "अब महिलाएं कैसे बनेंगी "आत्मनिर्भर",जशपुर DEO के इस आदेश से मचा बवाल, अब बड़े आंदोलन की तैयारी.....?

 


जशपुर,टीम पत्रवार्ता,23 फरवरी 2021

By योगेश थवाईत

एक ओर जहां सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कार्य कर रही है वहीं दूसरी ओर भूपेश सरकार के नुमाइंदे महिलाओं से उनका हक छीनते नजर आ रहे हैं।आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जिन महिलाओं ने काम शुरु कर अपने जीवन के ताने बाने को सम्हालना शुरु किया था,अपने पैर पर खड़े होकर सुखद सपने संजोने लगे थे उन सभी सपनों को एक आदेश ने चकनाचूर कर के रख दिया है।

ये है मामला

दरअसल स्कूलों में वितरित किये जाने वाले मध्यान्ह भोजन के सुखे राशन को बांटने की जिम्मेदारी पहले स्वसहायता समूहों की हुआ करती थी।जिससे गांव गांव में समूह की महिलाएं पूरी जिम्मेदारी से गुणवत्ता के साथ इस कार्य को पूरा करती थी।इससे उनका घर का खर्च चलने के साथ आर्थिक रुप से महिलाएं समूह कार्य के माध्यम से सशक्त भी हो रहीं थीं।अब इनका हक सरकार ने छीन कर लिया है जिससे इन महिलाओं के सामने संकट की स्थिति निर्मित हो गई है।

जिलों में जारी हो रहा यह आदेश

बात करें जशपुर जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश की तो अब इस आदेश के अनुसार स्कूलों में बंटने वाले मध्यान्ह भोजन के सूखे राशन का वितरण अब स्टेट मैनेजर,भारतीय राष्ट्रीय कृषक उपज उपार्जन प्रसंस्करण एवं फुटकर सहकारी संघ मर्यादित (नेकाफ) रतन पैलेस शैलेन्द्र नगर रायपुर  द्वारा किया जाएगा।

महिला समूह अब आन्दोलन की तैयारी में 

इस आदेश के बाद महिला स्व सहायता समूहों के सामने संकट कि स्थिति निर्मित हो गई है।अब समूहों के पास कोई काम नहीं।समूह की महिलाओं का कहना है कि कोरोना में हुए लॉकडाउन के बाद से सरकार ने रायपुर से सीधे वितरण कराना शुरू किया है जिससे न तो उच्च गुणवत्ता युक्त राशन मिल रहा है और न ही ठीक से राशन पंहुच रहा है।स्थानीय स्तर पर समूह की महिलाएं सुखा राशन वितरण बेहतर तरीके से संचालित कर रहीं थी और महिलाएं अपने को आत्मनिर्भर बना रहीं थीं ।फिलहाल डीईओ के इस आदेश के विरोध में अब समूह की महिलाएं आन्दोलन का मन बना रहीं हैं।आपको बता दें कि जिले में सैकड़ों समूह की हजारों महिलाओं के परिवार इसी पर निर्भर हैं ऐसे में समूह की महिलाओं से काम छीनकर किसी और को सौपना सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।

आदेश 




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