जशपुर,टीम पत्रवार्ता,28 अप्रैल 2020
लॉकडाऊन के दौरान रायगढ़ में फंसे मजदूर भतीजों द्वारा उन्हें लेने के लिए अपने चाचा को बुलाना महंगा पड़ गया।बलरामपुर के कुसमी से रायगढ़ अपने भतीजों को लेने जा रहे चाचा की सड़क हादसे में मौत हो गई है।
दरअसल मृतक के भतीजे दामोदर पैंकरा,मजिन्दर पैंकरा,जगरनाथ पैंकरा रायगढ़ के कारीछापा में धर्मकांटा में दैनिक मजदूरी करते थे।लॉकडाऊन के बाद से वे पिछले 1 महीने से रायगढ़ में फंसे हुए थे जहां उनको रहने खाने की खासी दिक्कत हो रही थी और वे काफी परेशान थे लिहाजा पिछले शनिवार को रात 11 बजे वे पैदल ही कुसमी के लिए निकल पड़े और 3 दिनों तक जंगल के रास्ते पैदल चलते हुए बगीचा थाने के महादेवडाँड़ पंहुचे।इस दौरान उन्होंने अपने चाचा को फोन करके उन्हें लेने के लिए महादेवडाँड़ बुलाया।
इन तीनो को लेने के लिए मृतक महिंदर राम पिता करिया राम अपने एक और साथी अर्जुन सिंह के साथ दो बाईक में सवार होकर जेनगनिया कुसमी से महादेवडाँड़ की ओर जा रहे थे।इस दौरान बगीचा के रौनी घाट में उसे झपकी आ गई और उसकी बाईक खाई में गिर गई।जिसके बाद उसके साथी ने एम्बुलेंस को कॉल किया।लगभग 1 घंटे में एम्बुलेंस पंहुची और उसे बगीचा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।यहां महिंदर को होश आया चुका था और उसका उपचार शुरु कर दिया गया था।अंदरूनी चोट होने के कारण पता नहीं चला और उसे खून की उल्टियां होनी शुरु हो गई।चिकित्सकों ने ईलाज करने का प्रयास किया इस दौरान उसकी मौत हो गई।
मृतक के साथी अर्जुन ने बताया कि वह रात में ठीक से सोया नहीं था और तड़के की अपने भतीजों को लेने के लिए वे निकल गए थे।थाना प्रभार एसआर भगत ने बताया कि पीएम के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
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