जशपुर,योगेश थवाईत,14 फ़रवरी 2020
जशपुर जिले के जनपद पंचायतों में कांग्रेस के कब्जे के बाद से तिलमिलाई हुई बीजेपी के सामने एक प्रश्न था कि कांग्रेस की रणनीति के बीच जिला पंचायत में बीजेपी का कब्जा कैसे हो ? जब बीजेपी के सामने कोई रास्ता नहीं बचा तो उन्होंने इसके लिए प्रदेश व जिले के अनुभवी कार्यकर्ता पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को इसकी जिम्मेदारी सौपी।उन्हें इस चुनाव का संयोजक बनाया गया।उन्होंने न केवल संगठन को टूटने से बचाया बल्कि संकट मोचक बनकर बीजेपी की डूबती नैया को पार लगा दिया।
पूर्व मंत्री ने पढाया एकजुटता का पाठ
पत्रवार्ता के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक चुनाव के ठीक एक दिन पहले शाम को जब बीजेपी संगठन की बैठक हुई तब जिला पंचायत में जीत की रणनीति बार बार बनती बिगडती रही ऐसे में पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को याद करते हुए उन्हें लेनें के लिए कार्यकर्ताओं को उनके घर भेजा गया।संगठन का बुलावा स्वीकार कर वे भाजपा कार्यालय पंहुचे और उन्होंने इस जिम्मेदारी को एकजुटता के शर्त पर मानने की बात कही।जब कार्यकर्ताओं ने यह शर्त स्वीकार की तो शुरू हुआ मैराथन बैठक का दौर और लगातार पूर्व मंत्री जिला पंचायत सदस्यों को एकजुटता का पाठ पढ़ाते रहे।अंततः उनका प्रयास सफल हुआ।
रायमुनी की हुई जीत
14 फ़रवरी को जशपुर जिला पंचायत के लिए जब बीजेपी समर्थित अध्यक्ष की खोज की जा रही थी तो सबसे पहले शांति भगत का नाम पार्टी संगठन ने फाईनल किया कुछ देर बाद रीना बरला के नाम की सुगबुगाहट होने लगी अन्ततः पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनी भगत के नाम पर मुहर लगी और कांग्रेस के तमाम दांव पेंच को ध्वस्त करते हुए बीजेपी की रायमुनी भगत को जिला पंचायत अध्यक्ष और उपेन्द्र यादव को उपाध्यक्ष का ताज पहना दिया गया।
नहीं चला पैसे का खेल
लगातार हार से निराश बीजेपी के तमाम दिग्गजों ने सरेंडर कर दिया था ऐसे समय में पूर्व मंत्री गणेश राम भगत को जिम्मेदारी मिली और बखूबी उन्होंने इसका निर्वहन किया। 9 जिला पंचायत सदयों के बहुमत के बाद भी बीजेपी को क्रास वोटिंग का डर सता रहा था।दरअसल विपक्षी पार्टी के द्वारा कई डीडीसी के खरीद फरोख्त की खबर ने बीजेपी खेमे में भूचाल ला दिया था।जिससे सभी डरे हुए थे। ऐसे समय में भाजपा की एकजुटता और हिम्मत को बरकरार रखने का काम बूढ़े कन्धों ने किया।यहाँ पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के अनुभवों का ख़ासा लाभ संगठन को मिला जिसके दम पर एक बार फिर से बीजेपी को संजीवनी मिल गई।
पत्रवार्ता से चर्चा करते हुए जिला पंचायत सदस्या रीना बरला ने बताया की पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने जिस प्रकार से जिले की राजनीति को फिर से बाँध दिया है वह अक्षुण बना रहेगा।उनकी उपस्थिति और मार्गदर्शन से संगठन के हर एक कार्यकर्ता उत्साहित है।जो हुआ उसे भूलकर नई ऊर्जा के साथ सभी संगठन के लिए एकजुट हुए यह बड़ी बात है।
जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन पीठासीन अधिकारी दशरथ राजपूत एवं सहायक पीठासीन अधिकारी कमलेश मिरी ने कराया।निर्वाचन के दौरान अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी से श्रीमती रायमुनी भगत एवं कांग्रेस से आरती सिंह ने नामांकन दाखिल किया।इस चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री गणेश राम भगत जिला पंचायत में डटे रहे।जिसमें श्रीमती रायमुनी भगत को 9 मत प्राप्त हुए, वहीं श्रीमती आरती सिंह को 5 मत मिले। ज्ञात हो कि जिला पंचायत जशपुर में डीडीसी के 14 सीट हैं।
पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने जिला पंचायत की जीत का श्रेय संगठन के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को दिया है जिन्होंने पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ जिम्मेदारी को निभाया और अंत तक संगठित बने रहे।आगामी 16 फ़रवरी को बीजेपी कार्यालय में जिला पंचायत सदस्यों की बैठक रखी गई है जिसका नेतृत्व पूर्व मंत्री गणेश राम भगत करेंगे।
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