बिलासपुर/पेंड्रा,टीम पत्रवार्ता,04 सितंबर 2019
बुधवार को अमित जोगी को उपजेल पेंड्रारोड से एडीजे कोर्ट पुलिस प्रोटेक्शन में ले जाया गया।यहां उनके वकील एसके फरहान व खूद अमित जोगी ने मामले की पैरवी की।पत्रवार्ता की मिली जानकारी के अनुसार अमित जोगी को यहां भी तगड़ा झटका लगा है कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।अब वे फिर से जेल में ही रहेंगे।
इस दौरान लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह, कानूनी सलाहकार विशंभर ग़ुलहरे के साथ पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहु व अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी भी मौजूद रहीं।शिकायतकर्ता समीरा पैंकरा भी मौके पर उपस्थित रहीं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जब अमित जोगी की गिरफ्तारी हुई थी तो वे काले कोर्ट में वकील की वेशभूषा में दिखे थे इसके बाद जब उन्हें जब प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया गया तो उन्होंने सफेद शर्ट पहने हुए अपने केस की पैरवी की।
जहां जमानत न मिलने के कारण उन्हें जेल दाखिल कर दिया गया था।पत्रवार्ता को प्राप्त तस्वीरों में बुधवार को जब उन्हें कड़ी सुरक्षा में फिर से कोर्ट ले जाने के लिए उपजेल से बाहर निकाला गया तो गुलाबी परिधान में लिटिल जोगी बाहर आए।आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ जनता कॉंग्रेस(जे) का राजनैतिक परिधान भी गुलाबी ही है।लिहाजा जोगी इस राजनैतिक लड़ाई को उसी तरीके से लड़ते नजर आ रहे हैं।
एडीजे कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अमित जोगी ने न्यायालय के समक्ष अपना तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि
मेरा जन्म कहीं भी हुआ हो।जब मैं चुनाव लड़ने के योग्य था और मैंने अपनी नागरिकता का प्रमाण दिया था तभी मैंने चुनाव लड़ा था।उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता को धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने मेरे दस्तावेजों को मुझे उपलब्ध कराया।मेरे तमाम दस्तावेज खो चुके थे।पर हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान मुझे दूतावास के जरिए अमेरिकन दस्तावजे मिले।
धर्मजीत ने बताया राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित
लोरमी विधायक धर्मजीत ने उक्त मामले को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया और कहा कि अमित जोगी को बदले की भावना से गिरफ्तार किया गया है।
आपको बता दें कि अमित जोगी की गिरफ्तारी के बाद से ही सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का दौर चल रहा।धर्मजीत ने पत्रवार्ता को बताया कि सरकार का विकास कार्यों पर ध्यान नहीं।बल्कि सरकार अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए राजनीतिक विरोधियों को पुलिस के माध्यम से प्रताड़ित करने व जेल भेजने में लगी हुई है।
प्रदेश में जघन्य अपराध हो रहे हैं सरकार को उसके लिए फुरसत नहीं।सरकार राजनीतिक विरोधियों को तंग करने व दबाव डालने के लिये प्रदेश में भय का वातावरण निर्मित करने में लगी हुई है।जिसके लिए उसने जेसीसी के दोनों प्रमुख नेताओं के अलावा विपक्ष के नेताओं पर भी शिकंजा कसना शुरु कर दिया है।
कोर्ट में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने जमानत की अर्जी पर फैसला सुनाते हुए जमानत खारिज कर दिया है।अब अमित जोगी को कुछ दिन और जेल में रहना पड़ेगा।उन्हें फिर से जेल दाखिल कर दिया गया है।
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