बिलासपुर, 06 सितंबर 2019 (टीम पत्रवार्ता)
प्रदेश की सेवा सहकारी समितियों को भंग करने के मामले में राज्य सरकार को हाईकार्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए आगामी सुनवाई तक राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया है,राज्य शासन को नोटिस जारी किया है। 3 अक्टूबर को मामले में अगली सुनवाई होगी।
दरअसल आदेश के खिलाफ सेवा सहकारी समिति भैसमा के सदस्य लक्ष्मण उरांव, बरपाली समिति के मोहनलाल कंवर, जीवन लाल कंवर समेत अन्य समितियों के सदस्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के बाद बुधवार को चीफ जस्टिस पीआर रामचंंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डीबी ने फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने दलील रखी कि पुनर्गठन के नाम पर निर्वाचित निकाय को नही हटाया जा सकता, और राज्य सरकार के इस निर्णय के पीछे राजनीतिक कारण हैं।
गौरतलब है कि राज्य शासन ने प्रदेशभर की सेवा सहकारी समितियों के पुनर्गठन के लिए अधिसूचना जारी कर 30 जुलाई 2019 तक दावा-आपत्ति आमंत्रित की। दावा-आपत्ति का निराकरण किए बिना शासन ने 30 अगस्त 2019 को प्रदेश की 1035 सेवा सहकारी समितियों को भंग कर दिया था।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए फिलहाल नई समिति के गठन पर सुनवाई तक रोक लगाते हुए 3 अक्टूबर को अगली सुनवाई की तिथी निश्चित की है।
प्रदेश में 1035 सहकारी सेवा समितियों को भंग किए जाने के बाद अब समिति के पदाधिकारी हाईकोर्ट का रुख करने को मजबूर हैं।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुए फिलहाल नई समिति के गठन पर सुनवाई तक रोक लगाते हुए 3 अक्टूबर को अगली सुनवाई की तिथी निश्चित की है।
प्रदेश में 1035 सहकारी सेवा समितियों को भंग किए जाने के बाद अब समिति के पदाधिकारी हाईकोर्ट का रुख करने को मजबूर हैं।
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