रायपुर (पत्रवार्ता.कॉम) सूबे के चीफ़ सेक्रेटरी से पहचान पत्र मांगना एक टीआई को महंगा पड़ गया। बदले में उसे निलंबन की कार्रवाई के साथ लाईन हाज़िर होने की सज़ा मिल गयी।
दरअसल मामला सीएम भूपेश बघेल के कोरबा जिले के प्रवास से जुड़ा हुआ है। बुधवार को सीएम बघेल राज्य सरकार के सुराजी गाँव योजना के तहत नरवा,गरुवा,घुरवा,बाड़ी विकास के लिए नवनिर्मित आदर्श गौठान का शुभारंभ व अवलोकन करने पाली विकासखंड के ग्राम केराझरिया पहुँचे थे।
इस बीच मुख्यमंत्री के सभा के दौरान इंट्री गेट पर दर्री थानेदार रघुनंदन प्रसाद शर्मा की ड्यूटी लगाई गई थी। प्रदेश के मुखिया की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वहां आने-जाने वाले हर अधिकारी और व्यक्ति के आई कार्ड(परिचय पत्र) की जांच निरीक्षक द्वारा की जा रही थी।
इस जाँच के दौरान इंट्री गेट पर सूबे के मुख्य सचिव सुनील कुजूर भी पहुँचे। जहाँ निरीक्षक शर्मा उन्हें पहचान नहीं पाए व उनसे भी परिचय पत्र मांग लिया। लेकिन मुख्य सचिव सुनील कुजूर ने जैसे ही अपना परिचय निरीक्षक को दिया। निरीक्षक शर्मा ने इस भूल के लिए उनसे माफी मांग ली।
लेकिन बात यही खत्म नहीं हुई। इससे क्षुब्ध मुख्य सचिव ने इसकी शिकायत आईजी से कर दी। जिसके बाद जिले के एसपी जितेंद्र मीणा ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मामले में कार्रवाई करते हुए निरीक्षक शर्मा को निलंबित कर लाइन हाजिर होने की सजा दे दी।
आपको बता दें की थानेदार रघुनंदन प्रसाद शर्मा जशपुर बिलासपुर समेत अन्य जिलों में बेहतर काम कर चुके हैं वहीँ इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हडकंप है।
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लेकिन बात यही खत्म नहीं हुई। इससे क्षुब्ध मुख्य सचिव ने इसकी शिकायत आईजी से कर दी। जिसके बाद जिले के एसपी जितेंद्र मीणा ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मामले में कार्रवाई करते हुए निरीक्षक शर्मा को निलंबित कर लाइन हाजिर होने की सजा दे दी।
आपको बता दें की थानेदार रघुनंदन प्रसाद शर्मा जशपुर बिलासपुर समेत अन्य जिलों में बेहतर काम कर चुके हैं वहीँ इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हडकंप है।
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