... सौ बात की एक बात कि मानवता अभी जिंदा है।

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सौ बात की एक बात कि मानवता अभी जिंदा है।

जिले में चौकसी के लिए जशपुर पुलिस का 
नाम तो जाना ही जाता है इस बार मानवता की लाज 
रखने का काम जशपुर की कुनकुरी पुलिस ने किया है
 जिसे जिले के वरिष्ठ पत्रकार संतोष चौधरी ने अपने कैमरे 
में कैद किया और अपनी लेखनी पर उसे सजाने का प्रयास ...
पुलिस और पत्रकार दोनों के जज्बे को सलाम 



ये कुछ तस्वीरें हैं ,,, लाश के रेस्क्यू की,,, ये लाश यह बता रही है कि कई दिनों से यहां फंसी हूँ,,,मुझे लोग देखकर डर रहे हैं,,,लेकिन पुलिस को बता नहीं रहे हैं,,, आज कोई चुगली कर दिया तो कुनकुरी पुलिस ईब नदी के तट पर पहुंची ,, मैं इससे पहले थाने पहुंचा तो पता चला कि नदी में लाश मिली है,,, खबर के लोभ में मैं भी पहुँचा,, देखा ,,, पुलिस के लोग लगे हैं ,,,ग्रामीण तमाशा बना रहे हैं ,, मानवीयता , संवेदनशीलता और न जाने क्या क्या अच्छे शब्द होंगे ,,, आम आदमी के लिए मर चुके हैं ,, 



एसडीओपी अर्जुन कुर्रे रस्सी को पकड़ कर चट्टान से लगकर खींच रहे हैं कि लाश कहीं बह न जाये ,,, हेडकांस्टेबल मोहन बंजारे लाश को बाहर निकालने के लिए रस्सी से लाश को बांध रहे हैं ,, टीआई विशाल कुजूर गांव वालों से मदद मांग रहे हैं कि कोई बांस / बल्ली ले आओ ,, सब पीछे हट रहे हैं मदद मिल नहीं रही है,, सुबह 11 बजे से लगे हैं ,, 3 बज चुका,, एसपी प्रशांत सिंह ठाकुर पल पल की जानकारी ले रहे थे ,, 3:20 पर गोताखोर पहुंचे तब तक कुनकुरी पुलिस की टीम लाश को बाहर निकालने की कवायद कर ही रहे थे ,,खास बात यह भी कि इस कवायद में पत्रकार भी डटे हुए थे ,, 4 :30 बजे के लगभग सभी ने मिलकर लाश को बाहर निकाल ही लिया ,, 



दरअसल लाश की एक टांग चट्टान की दरार में बुरी तरह फंस गई थी,, इतना लिखने का मेरा आशय यही है कि आज इंसानियत वाकई खत्म हो गई है ,, वहीं पुलिस इंसानियत दिखाने में जी जान लगा रही है । सैल्यूट करता हूँ ,, एसडीओपी अर्जुन कुर्रे , टीआई विशाल कुजूर , हेडकांस्टेबल मोहन बंजारे , कांस्टेबल नन्दलाल यादव, नरेश , लाला , ओलिका को । इनके साथ ही टीआई की रिक्वेस्ट पर गांव के दो लोग जिनका नाम नहीं जानता ,, फिर आते हैं हम ,,, संजीत कुमार , शिवम ।
"सौ बात की एक बात कि मानवता अभी जिंदा है ।"

साभार - संतोष चौधरी(पत्रकार) के फेसबुक वाल से 

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1 Comments

Unknown said…
धन्यवाद योगेश,,,अच्छी बातें भी सामने आनी चाहिए ।

जशपुर के इस गांव में उपजा धर्मांतरण का विवाद,जहां से हुई थी ईसाइयत की शुरुआत